करो हरी का भजन प्यारे, उमरिया बीती जाती हे (Karo Hari Ka Bhajan Pyare, Umariya Beeti Jati Hai)


करो हरी का भजन प्यारे,
उमरिया बीती जाती हे,
पूरब शुभ कर्म करी आया,
मनुष्य तन पृथ्वी पर पाया,
फिर विषयो से भरमाया,
मौत याद नहीं आती हे ,
करो हरी का भजन प्यारे!
बालपन खेल में खोया,
जोबन में काम बस होया ;
बुढ़ापा खाट पर सोया,
आस मन को सतानि हे,
करो हरी का भजन प्यारे!

कुटुंब परिवार सूत दारा,
स्वप्न सम देख जग सारा ;
माया का जाल बिस्तारा ,
नहीं ये संग जाती हे
करो हरी का भजन प्यारे!

जो हरी के चरण चित लावे,
सो भवसागर से तर जावे ;
ब्रह्मानंद मोक्ष पद पावे,
वेद वानी सुनाती हे
करो हरी का भजन प्यारे!
Karo Hari Ka Bhajan Pyare, Umariya Beeti Jati Hai - Read in English
Karo Hari Ka Bhajan Pyare, Umariya Biti Jati Hey, Purab Shubh Karm Kari Aaya
Bhajan Shri Ram BhajanShri Raghuvar BhajanRam Navami BhajanVijay Dashami BhajanSunderkand BhajanRamcharitmanas Katha BhajanAkhand Ramayana BhajanShri Hari Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ: भजन

दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ, मैया जब तक जियु मैं सुहागन जियु,..

तेरी करती रहूँ मैं चाकरी, वरदान यही मैं चाहूँ: भजन

तेरी करती रहूं मैं चाकरी, वरदान यही मैं चाहूँ, वरदान यही मैं चाहूँ, वरदान यही मैं चाहूँ, वरदान यही मैं चाहूँ, तेरी करती रहूँ मैं चाकरी, वरदान यही मैं चाहूँ, माँ शेरावाली वर देना, माँ ज्योता वाली वर देना ॥

करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं - माँ संतोषी भजन

करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं, स्वीकार करो माँ, मझधार में, मैं अटकी..

अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे: भजन

अम्बे अम्बे माँ अम्बे अम्बे, अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे, रस्ता निहारे तेरा पंथ बुहारे माँ, रस्ता निहारे तेरा पंथ बुहारे माँ, तेरे बालक पुकारे जी, अम्बे अम्बे माँ अम्बे अम्बे, अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे ॥

तूं जागे विच आजा दातिए - भजन

तेरा भवन, सजा के, बैठे आं... ( जय, जय जय मां... ) मां तेरी, जोत जगा के, बैठे आं...( जय, जय जय मां... )