कौन लंका जला पाता - भजन (Kon Lanka Jala Pata)


दोहा
देख के सागर की लहरों को,वानर सब घबराये ।
कैसे होगा पार ये सागर, मन ही मन सकुचाये ॥
जामवंत ने बजरंगी से जाकर करी गुहार
सिवा तुम्हारे कौन ये सागर कर पायेगा पार

कौन लंका जला पाता,अगर हनुमान न होते ।
पता न सीता का लग पाता अगर हनुमान न होते ॥

लाँघक़र के समंदर को, पहुँचे लंका के वो अंदर
देख़ हनुमान की ताकत, काँप उठ्ठा था दशकँधर
कौन सूरज निकल पता, अगर हनुमान ना होते

आ के शक्ति लगी ऐसी, मूर्छा खा गए लक्ष्मण
संजीवन बूटी लाने को, गए वो दौड़ के ततक्षण
कौन पर्वत उठा पाता, अगर हनुमान न होते

राम का नाम लेकर के, जो इनके पास जाते हैं
उनके जीवन की तकलीफें, ये पल भर में मिटाते हैं
कौन संकट मिटा पाता, अगर हनुमान न होते ।
Kon Lanka Jala Pata - Read in English
Dekh Ke Sagar Ki Laharon Ko,Vanar Sab Ghabraye । Kaise Hoga Paar Ye Sagar, Man Hi Man Sakuchaye ॥
Bhajan Hanuman BhajanBalaji BhajanBajrangbali BhajanHanuman Janmotsav BhajanHanuman Jyanti BhajanMangalwar BhajanTuesday BhajanHanuman Path BhajanSundar Kand Path Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

जय जयकार करो माता की - माता भजन

जय जयकार माता की, आओ शरण भवानी की, एक बार फिर प्रेम से बोलो, जय दुर्गा महारानी की

तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये - भजन

साँची ज्योतो वाली माता, तेरी जय जय कार। तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये।

मैं बालक तू माता शेरां वालिए - भजन

मैं बालक तू माता शेरां वालिए, है अटूट यह नाता शेरां वालिए...

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा - भजन

नवरात्रि भजन, आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा। दिल ने पुकारा तू है मेरा सहारा माँ।।

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है - भजन

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है। ऊँचे पर्वत पर रानी माँ ने दरबार लगाया है।