मैं काशी हूँ - भजन (Main Kashi Hoon)


मेरे तट पर जागे कबीर,
मैं घाट भदैनी तुलसी की,
युग युग से हर सर्जक बेटे,
की माता हूँ मैं हुलसी सी वल्लभाचार्य तैलंग स्वामी रविदास हूँ रामानंद हूँ मैं,
मंगल है मेरा मरण-जनम,
सौ जन्मों का आनंद हूँ मैं,
कंकर कंकर मेरा शंकर,
मैं लहर-लहर अविनाशी हूँ,
मैं काशी हूँ मैं…मैं काशी हूँ ॥
बाँसुरिया हरिप्रसाद की रविशंकर सितार की जान हूँ मैं,
राजन साजन का अमर राग,
गिरिजा देवी की तान हूँ मैं,
शहनाई में बिस्मिल्ला खाँ नाटक में आगा खान हूँ मैं,
मुझ में रम कर जानोगे तुम,
कि पूरा हिंदुस्तान हूँ मैं,
जो मेरे घराने में सँवरे,
उन सात सुरों की प्यासी हूँ,
मैं काशी हूँ मैं…मैं काशी हूँ ॥

भारत के रत्न कहाते हैं मेरी मिट्टी के कुछ जाए,
हर चौराहे पर पद्मश्री और पद्म विभूषण पा जाए,
जिसको हो ज्ञान गुमान यहाँ लंका पर लंका लगवाए,
दुनिया जिनके पप्पू पर है,
पप्पू की अड़ी पर आ जाए,
दर्शन दर्शन सी गूढ़ गली में,
रांड सांड संन्यासी हूँ,
मैं काशी हूँ मैं…मैं काशी हूँ ॥

अक्षर की गरिमा मुझ से है,
हर सर्जन के अब-तब में हूँ,
मैं भारतेंदु मैं रामचंद्र,
विद्यानिवास मैं सब में हूँ,
जयशंकर का प्रसाद हूँ मैं,
उस पल भी थी मैं अब में हूँ,
मैं देवकीनन्दन प्रेमचंद,
बेढब होकर भी ढब में हूँ
मैं हर पागल दीवाने की क्षमता-प्रतिभा विश्वासी हूँ,
मैं काशी हूँ मैं…मैं काशी हूँ ॥

मैं महामना का गुरुकुल हूँ,
विद्या की जोत जगाती हूँ,
मैं लालबहादुर में बस कर,
भारत को विजय दिलाती हूँ,
जो राजा से लड़ जाए निडर राजर्षि उसे बनाती हूँ,
जण गण के मन की मॉंग समझ गुजराती गले लगाती हूँ,
मैं जम्बूद्वीप का वर्तमान,
जीने वाली इतिहासी हूँ,
मैं काशी हूँ मैं…मैं काशी हूँ ॥

कंकर कंकर मेरा शंकर,
मैं लहर-लहर अविनाशी हूँ,
मैं काशी हूँ मैं…मैं काशी हूँ ॥
Main Kashi Hoon - Read in English
Kankar Kankar Mera Shankar, Main Lahar-Lahar Avinashi Hun, Main Kashi Hun Main…Main Kaashi Hun ॥
Bhajan Kashi BhajanVaranshi BhajanBanaras BhajanShri Shiv BhajanBJP BhajanMathura BhajanUP Election BhajanKumar Vishwas Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

बजरंग बाण

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥

वो राम धुन में मगन है रहते: भजन

वो राम धुन में मगन है रहते, लगन प्रभु की लगा रहे है, वो राम जी के चरण में रहते, प्रभु के कारज बना रहे है, वो राम धुन में मगन हैं रहते, लगन प्रभु की लगा रहे है ॥

थे हो राम नाम मस्ताना: भजन

थे हो राम नाम मस्ताना, मैं हूँ थारा घणा दीवाना, ओ बालाजी थारा चरणा, में है म्हारा ठिकाना जी, थे हों राम नाम मस्ताना, मैं हूँ थारा घणा दीवाना ॥

बजा कर राम का डंका, जला दो फिर से लंका: भजन

राम सिया के काज सँवारे बजरंगी, तेरी जय जग करता है, जलाई तुमने लंका, बजा कर राम का डंका, जला दो फिर से लंका,
बजा दो फिर से डंका, हे बजरंगी हे हनुमंता ॥

छम छम नाचे हनुमान, बजे रे पग पैजनिया: भजन

छम छम नाचे हनुमान, बजे रे पग पैजनिया, राम का करे गुणगान, बजे रे पग पैजनिया, छम छम नाचें हनुमान,
बजे रे पग पैजनिया ॥