स्वर्ण पर्वताकार शरीरा श्री हनुमान कहावे: भजन (Swarna Parvatakar Sarira Shri Hanuman kahave)


स्वर्ण पर्वताकार शरीरा श्री हनुमान कहावे,
सालासर के स्वर्ण कलश पर लाल ध्वजा लहराये ॥
सालासर मे सोना बरसे जब चाहें अजमालो,
इस पारस पत्थर को छुलो जिवन सफल बनालो,
स्वर्ण अवसर मिल गया कही ये अवसर निकल ना जाये,
सालासर के स्वर्ण कलश पर लाल ध्वजा लहराये ॥

सवामणी का धणी देव ये करता काम सवाया,
सवामणी ने ना जाने कितनों का भाग्य जगाया,
सवामणी का भोग चुरमा सरजिवन बन जाये,
सालासर के स्वर्ण कलश पर लाल ध्वजा लहराये ॥

केशरीनंदन के चरणों से रंग केशरी पालो,
पवनपुत्र के हवन कुंड की भस्मी अंग रमालो,
इस भस्मी से मिट्टी की काया कंचन हो जाये,
सालासर के स्वर्ण कलश पर लाल ध्वजा लहराये ॥
BhaktiBharat Lyrics

भक्त शिरोमणी मोहनदास जी स्वर्ण मे अलख जगाया,
सालासर दरबार सजीला स्वर्ण छत्र की छाया,
भक्तीभाव की गुणमाला राजेन्द्र आज चढ़ाये,
सालासर के स्वर्ण कलश पर लाल ध्वजा लहराये ॥
Swarna Parvatakar Sarira Shri Hanuman kahave - Read in English
Swarna Parvatakar Sarira Shri Hanuman kahave, Salasar Ke Swarn Kalash Par Laal Dhwaj Laharaye ॥
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