चरण स्पर्श नियम (Rule of Touch Feet)

भारतीय संस्कृति में बड़ों के चरण स्पर्श करना एक पारंपरिक भाव है जो सम्मान, विनम्रता और आशीर्वाद दर्शाता है। भक्तिभारत यहाँ कुछ बुनियादी "नियम" या शिष्टाचार को साझा करता है जिनका आमतौर पर पालन किया जाता है:
हम चरण कब स्पर्श कब और खिसके करते हैं?
❀ देवी-देवताओं और साधुओं, संतों
❀ बुजुर्ग: माता-पिता, दादा-दादी, शिक्षक, परिवार के बुजुर्ग।
❀ शुभ अवसर: त्यौहार, शादी, जन्मदिन, पूजा, स्कूल/कार्यालय का पहला दिन, आदि।
❀ महत्वपूर्ण कार्यों से पहले/बाद में: परीक्षा, यात्रा, समारोह।

चरण स्पर्श कैसे करें?
❀ कमर से झुकें, पीठ सीधी रखें (जब तक बुजुर्ग स्वयं न कहें, घुटनों के बल न बैठें)।
❀ दोनों हाथों से बड़ों के पैर के अंगूठे/पैरों को धीरे से स्पर्श करें।
❀ बुजुर्ग आमतौर पर आपके सिर पर हाथ रखकर या आपकी पीठ छूकर आशीर्वाद देते हैं।
❀ खड़े हो जाएँ और चाहें तो सम्मानपूर्वक अपने माथे को अपने हाथ से स्पर्श करें।

भक्तिभारत व्यक्त करता है की आमतौर पर बड़े लोग अपना दाहिना हाथ आपके सिर पर रखकर आपको आशीर्वाद देते हैं: जीते रहो, खुश रहो, आशीर्वाद, आदि।

प्रमुख सांस्कृतिक अर्थ
❀ दाहिना हाथ: क्षमता/क्रिया का प्रतीक है—स्पर्श के लिए प्रयुक्त।
❀ बायां हाथ: पूर्णता दर्शाने के लिए दाहिने हाथ के साथ प्रयुक्त।
❀ विनम्रता और अहंकार के त्याग को दर्शाता है।
❀ माना जाता है कि प्राप्त आशीर्वाद ज्ञान, समृद्धि और सुरक्षा प्रदान करते हैं।

विभिन्न धागों का महत्व में विस्तार से पढ़ें: हिंदू धर्म में विभिन्न धागों का महत्व

आपको किसके पैर नहीं छूने चाहिए?
❀ जो आपसे छोटे हों।
❀ उम्र में बराबर (जब तक कि वे आध्यात्मिक गुरु न हों)।
❀ वे लोग जो स्वयं इस कार्य से असहज महसूस कर सकते हैं।

किसी के पैर छूना — जिसे चरण स्पर्श कहते हैं — भारतीय संस्कृति में सम्मान का एक सामान्य संकेत है।
Rule of Touch Feet - Read in English
Touching the feet of elders is a traditional gesture in Indian culture that shows respect, humility and blessings. Bhaktibharat here shares some basic "rules".
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