Download Bhakti Bharat APP
Damodar Astakam - Damodar AstakamDownload APP Now - Download APP NowHanuman Chalisa - Hanuman ChalisaFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

मधुपर्क विधि क्या है? (What is Madhupark Vidhi?)

"मधुपर्क" एक वह पदार्थ/पेय है की जो विवाह में वर जब वधू के द्वारपर आता है, तो उसे वधू पक्ष की ओरसे बडे आदरसे प्राशीत किया जाता है | अभी भी यह परंपरा केवल समाजमें अखंडीत है | मधुपर्क में दही और शहद मिलाते है यदी शहद उपलब्ध न होने पर घी का प्रयोग होता है !
विवाह अत्यन्त पवित्र और महत्वपूर्ण संस्कार है। गृहस्थाश्रम में प्रवेश का नाम विवाह है। हमारे शास्त्रों के अनुसार यह एक अत्यन्त पवित्र और महत्वपूर्ण संस्कार है। इसका क्रमानुसार विवरण इस प्रकार है:द्वारपूजा: विवाह के दिन जब वर वधुगृह में उपस्थित होता है उस समय द्वार पर कन्या का पिता या बड़ा भाई अर्घ्य, पाद्य, आचमन, मधुपर्क आदि के द्वारा वर का स्वागत या पूजन करते हैं। कहीं-कहीं कन्या स्वयं द्वार पर आकर मधुर वचनों से वर का सत्कार करती हुई, उसके गले में वरमाला पहनाती है। तत्पश्चात वर भी वधु को माला पहनाकर उसका परिणय स्वीकार करता है।

कन्या पक्ष से विवाह मंडप के मध्य वर का विधिपूर्वक मधुपर्क (दही, शहद, घी) के द्वारा विशेष सम्मान किया जाता है। मधुपर्क: मधुपर्क में दही, शहद और घी का तीन, दो, एक के अनुपात में मिश्रण होता है, जिसे कन्या पिता वर को खाने के लिए देता है। वस्तुत: यह एक रसायन (महौषधि) है, जो वात, कफ, पित्तशामक, स्वास्थ्यवर्धक एवं मधुर है। इसके द्वारा गृहिणी को यह शिक्षा दी गई है कि उसे पाकशाला में मधुर, बलवर्धक, रक्तवर्धक एवं पथ्यकारी आहार बनाना चाहिए तथा वर को यह संकेत भी दिया जाता है कि आपको इसी तरह हितकारी भोजन तथा सद्व्यवहार जीवन पर्यन्त मिलता रहेगा।

वर मधु पर्क को हाथ में लेकर यह वाक्य बोलता है: ''ओम मित्रस्य त्वा चक्षुषा समीक्षे।।'' अर्थात हे खाद्य, मैं तुझे मित्र की दृष्टि से देखता हूं। इस प्रकार मित्रता, प्रसन्नता की भावना के साथ ''भूतेभ्यस्त्वा परिगृहणामि'' मैं तुझे केवल अपने लिए नहीं, अपितु प्राणिमात्र के लिए ग्रहण करता हूं। ऐसा कहता हुआ मधुपर्क को अन्य तीन भागों में विभक्त कर स्वीकार करता है।

इससे 'तेन त्यक्तेन मुंजीथा:' संसार के पदार्थों को त्यागपूर्वक उपभोग करना चाहिए, इस आदर्श को चरितार्थ करता है। गोदान: मधुपर्क प्राशन के पश्चात गोदान की विधि होती है। गौ भारतीय संस्कृति की प्रतीक है। गौ नहीं तो घर नहीं। यह गौ इसलिए दी जाती है कि इसके दुग्धादि पदार्थों का सेवन कर घर के सभी सदस्य निरोग और स्वस्थ रह सकें। विवाह के अवसर पर गोदान का विधान कर ऋषि मुनियों ने गोरक्षा का अमोघ उपाय ढूंढ़ निकाला था।

What is Madhupark Vidhi? in English

"Madhupark" is a substance/drink which is welcomed with great respect by the bride's side when the groom arrives at the bride's door during the marriage.
यह भी जानें

Blogs Madhupark Vidhi BlogsHindu Rituals BlogsHindu Marriage BlogsPooja BlogsVrat BlogsBeliefs BlogsPooja Vidhi BlogsKatha BlogsLakshmi Ji Blogs

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस ब्लॉग को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

पवित्र कार्तिक मास में क्या करें?

कार्तिक मास (माह) हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र महीना है, इस महीने की अधिष्ठात्री देवी श्रीमती राधारानी हैं। इस वर्ष 2023 कार्तिक मास 29 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 27 नवंबर को समाप्त होगा।

आयुध पूजा

आयुध पूजा बुराई पर अच्छाई की जीत और देवी दुर्गा द्वारा राक्षस महिषासुर के विनाश के उत्सव का प्रतीक है। इसे नवरात्रि उत्सव के हिस्से के रूप में मनाया जाता है। आयुध पूजा के लिए, देवी सरस्वती, पार्वती माता और लक्ष्मी देवी को पूजा जाता है। दक्षिण भारत में विश्वकर्मा पूजा के समान लोग अपने उपकरणों और शस्त्रों की पूजा करते हैं।

मैसूर दशहरा

मैसूर दशहरा 10 दिनों तक चलने वाला त्योहार है जो बहुत ही धूमधाम के साथ मैसूर में मनाया जाता है | मैसूर दशहरा कैसे मनाया जाता है? | मैसूर दशहरा महोत्सव 2024 कब शुरू होगा

शारदीय नवरात्रि स्पेशल

Vijayadashami Specials | शारदीय नवरात्रि वर्ष 2024 में 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो रही है। आइए जानें! ऊर्जा से भरे इस उत्सव के जुड़ी कुछ विशेष जानकारियाँ, आरतियाँ, भजन, मंत्र एवं रोचक कथाएँ त्वरित(quick) लिंक्स के द्वारा...

नवरात्रि में कन्या पूजन की विधि

नवरात्रि में विधि-विधान से मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसके साथ ही अष्टमी और नवमी तिथि को बहुत ही खास माना जाता है, क्योंकि इन दिनों कन्या पूजन का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में कन्या की पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है। इससे मां दुर्गा शीघ्र प्रसन्न होती हैं।

समाधि क्या है? भू-समाधि और जल-समाधि में अंतर बताइए?

हिंदू धार्मिक परंपराओं में संत या गुरु के रूप में माने जाने वाले लोगों को सम्मानित करने के लिए समाधि स्थलों को अक्सर इस तरह से बनाया जाता है, जिसमें कहा जाता है कि ऐसी आत्माएं महा समाधि में चली गई थीं, या मृत्यु के समय पहले से ही समाधि में थीं।

नवरात्रि स्पेशल: भारत में सात शीर्ष माँ दुर्गा मंदिर

ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए स्वर्ग से आती हैं। नवरात्रि के दौरान, भारत के विभिन्न कोनों में फैले माँ के प्रसिद्ध मंदिरों में कई भक्त एकत्रित होते हैं। आपको बता दें कि वैष्णो देवी के अलावा, माँ दुर्गा के सात मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध हैं।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
×
Bhakti Bharat APP