✨चंदन यात्रा, पुरी - Chandan Yatra, Puri

Chandan Yatra, Puri Date: Sunday, 19 April 2026

चंदन यात्रा, जग्गनाथ पुरी ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर में मनाया जाने वाला सबसे लंबा त्योहार है। चंदन यात्रा उत्सव जग्गनाथ पुरी में 42 दिनों तक मनाया जाता है। यह उत्सव अक्षय तृतीया के दिन से शुरू होता है। पुरी में चंदन यात्रा दो भागों में मनाई जाती है जो की बहार चंदन और भितर चंदन नाम से जाना जाता है।

कैसे मनायी जाती है चंदन यात्रा?

बहार चंदन:
बहार चंदन अक्षय तृतीया से शुरू होकर 21 दिनों तक चलता है।
पहले 21 दिनों में जगन्नाथ मंदिर के मुख्य देवताओं की प्रतिनिधि मूर्तियों के साथ-साथ पांच शिवलिंगों को पंच पांडव के रूप में सजाया जाता है, जिन्हें पुरी में जगन्नाथ मंदिर के सिंहद्वार से नरेंद्र तीर्थ तालाब तक एक जुलूस के साथ ले जाया जाता है। अन्य देवताओं जैसे मदनमोहन, भूदेवी, श्रीदेवी और रामकृष्ण इस यात्रा में 21 दिनों तक भाग लेते हैं। विभिन्न अनुष्ठानों के बाद देवताओं को जगन्नाथ मंदिर के पास स्थित नरेंद्र तालाब में ले जाया जाता है और उन्हें तालाब के एक भव्य रूप से सजाए गए नावों पर शेर कराया जाता है। स्थानीय भाषा में इसे चाप खेल भी कहा जाता है। चंदन यात्रा के दौरान भगवान को प्रमुख रूप से चंदन के लेप से सजाया जाता है।

भितर चंदन:
भितर चंदन जो की अंतिम 21 दिनों में मंदिर के अंदर ही होने वाले अनुष्ठान में शामिल हैं। देवता दैनिक परिभ्रमण के बजाय मंदिर के अंदर रीती निति से पूजा किया जाता है।

अक्षय तृतीया विशेष : आरती | भजन | मंत्र | नामवली | कथा | मंदिर | भोग प्रसाद

संबंधित अन्य नामचाप खेल
शुरुआत तिथिअक्षय तृतीया
कारणभगवान जगन्नाथ
उत्सव विधिभजन कीर्तन, झांकी,आरती,नौका विहार
Read in English - Chandan Yatra, Puri
Chandan Yatra is the longest festival celebrated at the Jagannath Temple in Jagannath Puri, Odisha. Chandan Yatra meaning sandalwood, which lasts for 42 days, is celebrated in two parts: Bahar Chandan and Bhitar Chandan.

चंदन यात्रा का महत्व

चंदन यात्रा का यह मान्यता है की भीषण गर्मी के कारण भगवान को चंदन के लेप से लिप्त किया जाता है। 21 दिनों की बहार चंदन उत्सव की अवधि में भगवान को भीषण गर्मी से राहत देने के लिए चंदन यात्रा का त्यौहार मनाया जाता है।

भजे व्रजिका-मंडनम समस्त-पाप-खंडनम्
स्व-भक्त-चित्त-रंजनं सदाैव नंद-नंदनम
सु-पिच्चा-गुच्चा-मस्तकम् सु-नाद-वेन्नु-हस्तकम्
अनंग-रंग-सागरम नमामि कृष्णा-नगरम
॥ मनमोहन सुंदरम ॥

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
आवृत्ति
वार्षिक
समय
42 दिन
शुरुआत तिथि
अक्षय तृतीया
महीना
अप्रैल - मई
मंत्र
ॐ केशवाय नमः स्वाहा, ॐ नारायणाय नमः स्वाहा, माधवाय नमः स्वाहा
कारण
भगवान जगन्नाथ
उत्सव विधि
भजन कीर्तन, झांकी,आरती,नौका विहार
महत्वपूर्ण जगह
पुरी ओडिशा
पिछले त्यौहार
30 April 2025

Updated: Apr 30, 2025 18:53 PM

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