Hanuman Chalisa
Sawan 2024 - Hanuman Chalisa - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Hanuman Chalisa -

हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का महत्व (Importance of Akshaya Tritiya in Hindu Religion)

हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया का महत्व हिंदू धर्म में बहुत खास है। संस्कृत शब्द अक्षय का अर्थ है वह जो कभी कम न हो या अनन्त (एकांत) हो। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। सोना और चांदी अक्षय तृतीया में खरीदारी बहुत फलदायी माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन पुराणों में भी विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन से सतयुग की शुरुआत हुई थी।
आइए जानते हैं अक्षय तृतीया के बारे में, शुभ मुहूर्त और महत्व:
हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाई जाती है। इस दिन को बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन शुभ काम किए जा सकते हैं।

अक्षय तृतीया 2024: शुभ समय:
तृतीया तिथि प्रारम्भ - मई 10, 2024 को 04:17 AM
तृतीया तिथि समाप्त - मई 11, 2024 को 02:50 AM

अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त - 05:33 AM से 12:18 PM

अक्षय तृतीया का महत्व:
अक्षय तृतीया को सबसे लोकप्रिय मुहूर्त भी माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। इसी दिन से भगवान जगन्नाथ का रथ निर्माण कार्य शुरू होता है। पुराणों में लिखा है कि इस दिन पितृ को दिया जाने वाला तर्पण और पिंडदान बहुत फलदायी होता है।

इस दिन, विवाह, गृह-प्रवेश, कपड़े या गहने की खरीद या घर, भूखंड, वाहन आदि की खरीदारी की जा सकती है। अक्षय तृतीया के दिन गंगा स्नान करने और भगवान की पूजा करने से सभी पाप खंडित हो जाते हैं।
शुभ अक्षय तृतीया!

Importance of Akshaya Tritiya in Hindu Religion in English

The importance of Akshaya Tritiya in Hinduism is very special. In Sanskrit “Akshay” means the one which never diminishes. Devi Lakshmi is worshiped on this day.
यह भी जानें

Blogs Akshaya Tritiya BlogsAkha Teej BlogsVaishakha Tritiya BlogsVaishakha Shukla Tritiya Blogs

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस ब्लॉग को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

श्रावण मास 2024

श्रावण मास हिंदू कैलेंडर का पांचवां महीना है। हिंदुओं के लिए श्रावण का महीना उपवास का महीना होता है और कई हिंदू हर सोमवार को भगवान शिव और हर मंगलवार को देवी पार्वती का उपवास करते हैं।

सावन शिवरात्रि 2024

आइए जानें! सावन शिवरात्रि से जुड़ी कुछ जानकारियाँ एवं सम्वन्धित कुछ प्रेरक तथ्य.. | सावन शिवरात्रि: Friday, 2 August 2024

नीलाद्रि बिजे

नीलाद्रि बिज महोत्सव वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के समापन का प्रतीक है।

अधर पणा

अधर पणा अनुष्ठान आषाढ़ महीने त्रयोदशी तिथि पर पुरी जगन्नाथ मंदिर में आयोजित किया जाता है।

कांवर यात्रा की परंपरा किसने शुरू की?

धार्मिक ग्रंथों में माना जाता है कि भगवान परशुराम ने ही कांवर यात्रा की शुरुआत की थी। इसीलिए उन्हें प्रथम कांवरिया भी कहा जाता है।

तुलाभारम क्या है, तुलाभारम कैसे करें?

तुलाभारम और तुलाभरा जिसे तुला-दान के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन हिंदू प्रथा है यह एक प्राचीन अनुष्ठान है। तुलाभारम द्वापर युग से प्रचलित है। तुलाभारम का अर्थ है कि एक व्यक्ति को तराजू के एक हिस्से पर बैठाया जाता है और व्यक्ति की क्षमता के अनुसार बराबर मात्रा में चावल, तेल, सोना या चांदी या अनाज, फूल, गुड़ आदि तौला जाता है और भगवान को चढ़ाया जाता है।

हिंदू धर्म में पूजा से पहले संकल्प क्यों लिया जाता है?

संकल्प का सामान्य अर्थ है किसी कार्य को करने का दृढ़ निश्चय करना। हिंदू धर्म में परंपरा है कि किसी भी तरह की पूजा, अनुष्ठान या शुभ कार्य करने से पहले संकल्प लेना बहुत जरूरी होता है।

Hanuman Chalisa -
Hanuman Chalisa -
×
Bhakti Bharat APP