गोगामेड़ी मंदिर - Gogamedi Mandir

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ गोगाजी का सबसे प्रसिद्ध मंदिर।
◉ एक हजार साल पहले का इतिहास।
◉ बाबा बालकनाथ मंदिर भी स्थापित।
गोगामेड़ी मंदिर राजस्थान के गोगामेड़ी (हनुमानगढ़) में स्थित गोगाजी को समर्पित देश का अनूठा मंदिर है। यह मंदिर लगभग 950 वर्ष पुराना माना जाता है। इस मंदिर में प्याज और दाल चढ़ाने की अनूठी परंपरा है, देश में ऐसा कोई मंदिर नहीं मिलेगा जहां प्याज को दान और प्रसाद के रूप में स्वीकार किया जाता है। मंदिर में साल भर प्याज का ढेर लगा रहता है। दान किए गए प्याज को बेचकर गौशाला और भंडारा का आयोजन किया जाता है। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए हिंदू और मुसलमान दोनों पहुंचते हैं।

गोगाजी कौन हैं?
गोगाजी को राजस्थान का लोक देवता माना जाता है। जिनका जन्मस्थान चुरू जिले का दादरेवा गांव था। उनका जन्म राजस्थान के दादरेवा (चुरू) चौहान वंश के राजपूत शासक जबेर (जवार सिंह) की पत्नी बछल के गर्भ से हुआ था। गोगाजी गुरु गोरखनाथ के शिष्य थे।

गोगाजी को लोग सॉपो(सर्प) का देवता, गुग्गा वीर, जाहिर वीर, जाहर पीर आदि नामों से भी पुकारते हैं। यह एक लोकमान्यता है कि सर्प दंष से प्रभावित व्यक्ति को यदि गोगाजी की मेड़ी अर्थात मंदिर तक ले जाये तो वह व्यक्ति सर्प विष से मुक्त हो जाता है।

गोगामेड़ी मंदिर का इतिहास
एक हजार साल पहले गोगाजी और आक्रमणकारी महमूद गजनवी के बीच युद्ध हुआ था। युद्ध में गोगाजी ने आसपास के इलाकों से सेना बुला ली थी। लड़ाई के लिए आए जवान अपने साथ दाल और प्याज लेकर आए थे। इस युद्ध में गोगाजी ने वीरगति को प्राप्त किया। उनकी मृत्यु के बाद उनकी वापसी के दौरान, सैनिकों ने उनकी कब्र पर प्याज और दाल की पेशकश की थी, तब से यह परंपरा चली आ रही है।

यहाँ दूर-दूर से सभी धर्मों के लोग श्रद्धासुमन अर्पित करने आते हैं। कायम खानी मुस्लिम समाज उन्हें जहर पीर के नाम से बुलाता है। इस तरह गोगाजी एक धर्मनिरपेक्ष देवता के रूप में विराजमान हैं।

गोगाजी मंदिर में कैसे करें पूजा
एक मान्यता के अनुसार ददरेवा आने वाले प्रत्येक भक्त को सबसे पहले गोरख गंगा में स्नान करना चाहिए और उसी पानी से बनी खीर खानी चाहिए। जिसके बाद भक्त को गोरख टीला जाकर मंदिर में प्याज का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। मंदिर में दाल और प्याज के अलावा खील, बतासे भी प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।

स्थानीय निवासियों के अनुसार यहां हर साल 20-30 लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। जिनमें से ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार से आते हैं। पंजाब से शुक्ल पक्ष में अधिक श्रद्धालु यहाँ आते हैं।

गोगाजी मंदिर मेला
गोगाजी मंदिर में हर साल 15 दिन का मेला लगता है। जो रक्षाबंधन के दूसरे दिन से शुरू होता है। इसमें सबसे ज्यादा भीड़ कृष्ण पक्ष की छठ, सप्तमी और अष्टमी को और शुक्ल पक्ष की छठ, सप्तमी और अष्टमी को होती है।

गोगाजी मंदिर कैसे पहुंचे?
जयपुर शहर देश के सभी राष्ट्रीय सड़कों, रेलवे और वायुमार्ग से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दत्ताखेड़ा जयपुर से 15 किमी और जयपुर से सदलपुर स्थित है, गोगाजी मंदिर तक पहुँचना बहुत आसान है।
प्रचलित नाम: गोगाजी मंदिर गोगामेड़ी, गोगाजी समाधी मन्दिर
Gogamedi Mandir - Read In English
Gogamedi Temple is the unique temple of the country dedicated to Gogaji located in Gogamedi (Hanumangarh) of Rajasthan. Gogaji Mandir Gogamedi, Gogamedi Temple, Gogaji Samadhi Temple

जानकारियां - Information

दर्शन समय
5:00 AM - 10:00 PM
5:15 AM: मंगला आरती
7:15 PM: सायंकाल आरती
9:00 PM: रात्रि मंगल
त्योहार
Purnima, Goga Navami, Navami, Bhadrapada Mela | यह भी जानें: एकादशी
बुनियादी सेवाएं
Prasad, Drinking Water, Shoe Store, Power Backup, Washrooms, CCTV Security, Sitting Benches, Music System, Parking
धर्मार्थ सेवाएं
धर्मशाला, गौशाला, गोरख गंगा
देख-रेख संस्था
राजकीय आत्मनिर्भर मंदिर श्री गोगाजी, गोगामेड़ी
समर्पित
गोगाजी

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Gogamedi, Nohar Hanumangarh Rajasthan
मेट्रो 🚇
रेलवे 🚉
Gogamedi
हवा मार्ग ✈
Jaipur International Airport
वेबसाइट 📡
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
29.160038°N, 75.023113°E

फोटो प्रदर्शनी - Photo Gallery

Baba Balak Nath Mandir

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Updated: Sep 08, 2023 07:55 AM