मोटामल महाराज मंदिर उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के करहल कस्बे में स्थित है। यह मंदिर प्रभु हनुमान और दिल्ली के अंतिम राजपूत महाराज पृथ्वीराज चौहान के सेनापति मोटामल की शहादत पर समर्पित है। सेनापति मोटामल जी इसी स्थान पर हुए युद्ध में राजा जयचंद के हाथों वीरगति को प्राप्त हुए थे। मोटामल महाराज मंदिर को मनोकामना पूर्ति मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
मोटामल महाराज मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
❀ मोटामल महाराज मंदिर भक्तिभारत के अनुसार 800 साल पुराना श्रद्धा का केंद्र है।
❀ इतिहास के अनुसार, मोटामल महाराज इसी स्थान पर युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे और पृथ्वीराज चौहान ने उनके सम्मान में यह मंदिर बनवाया था।
❀ किंवदंतियों के अनुसार, मोटामल की मृत्यु के बाद, वे पृथ्वीराज के स्वप्न में आए और उनसे उस स्थान पर एक मंदिर बनवाने को कहा जहाँ उन्होंने \"वीरगति\" प्राप्त की थी। मोटामल जी हनुमान जी के परम भक्त थे अतः मंदिर परिसर में हनुमान की मूर्ति स्थापित की गई, साथ ही साथ इसी प्रकार की कथा भी मंदिर से जुड़ी हुई है।
मोटामल महाराज मंदिर दर्शन समय
मंदिर पूरे सप्ताह 24 घंटे खुला रहता है। भक्तिभारत के अनुसार भक्त विशेष रूप से मंगलवार को यहाँ दर्शन के लिए भीड़ उमड़ती है।
मोटामल महाराज मंदिर के प्रमुख त्यौहार
हनुमान जयंती मोटामल महाराज मंदिर का प्रमुख त्यौहार है। भक्तिभारत के तथ्य के मुताबिक,
भाद्रपद माह के अंतिम मंगलवार को इस मंदिर में
बुढ़वा मंगल का उत्सव मनाया जाता है।
मोटामल महाराज मंदिर कैसे पहुँचें
❀ मोटामल महाराज मंदिर करहल, उत्तर प्रदेश भारत में स्थित है।
❀ भक्तिभारत के अनुसार मंदिर सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
❀ तखराऊ हाल्ट रेलवे स्टेशन मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो केवल 5.41 किलोमीटर दूर है।