बजे ढोल शहनाई बैंड बाजा, आया आया है दिल्ली का राजा
जय जय गणराज मनाऊँ, चरणों में शीश नवाऊं, जब तक सांसे हैं तन में, तेरा ही ध्यान लगाऊं, गजानन्द जी हमारे घर आओ, बुलाते है चले आओ ॥
मोरे गणपति गणेश करों किरपा, मोरे राजा महाराजा करो किरपा, किरपा करो महाराज गजानन, माँ गौरा के लाल,
गजानन किरपा, मोरे गणपति गणेश करों किरपा मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥
गिरिजा के छैया, गणपति तुम्हे पुकारूँ, पूजूं मैं तुम्हे, आरती तेरी उतारूँ, गिरिजा के छैंया ॥
पत राखो गौरी के लाल, हम तेरी शरण आये ॥
नमामि श्री गणराज दयाल, करत हो भक्तन का प्रतिपाल...
कीर्तन रचो है म्हारे आंगने, आओ आओ गौरा जी रा लाल कारज सफल करो..