तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे,
आहों मे असर होगा,
घर बैठे बुला लेंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे ॥तुम कहते हो मोहन,
हमें मधुबन प्यारा है,
इक बार तो आ जाओ,
मधुबन ही बना देंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे ॥
तुम कहते हो मोहन,
हमें राधा प्यारी है,
इक बार तो आ जाओ,
राधा से मिला देंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे ॥
तुम कहते हो मोहन,
हमें माखन प्यारा है,
इक बार तो आ जाओ,
माखन ही खिला देंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे ॥
तुम कहते हो मोहन,
हमें कहाँ बिठाओगे,
इस दिल में तो आ जाओ,
पलकों पे बिठा लेंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे ॥
तुम हमको ना चाहो,
इसकी हमें परवाह नही,
हम वादे के पक्के है,
तुम्हे अपना बना लेंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे ॥
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे,
आहों मे असर होगा,
घर बैठे बुला लेंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे ॥
लगी आग जो सीने में,
तेरी प्रेम जुदाई की,
हम प्रेम की धारा से,
लगी दिल की बुझा लेंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे ॥
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे,
आहों मे असर होगा,
घर बैठे बुला लेंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे ॥
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