Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel
Hanuman Chalisa - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa -

नाभादास जी (Nabhadas)


भक्तमाल | श्री नाभादास जी
गुरु - श्री अग्रदास जी महाराज
अन्य नाम - नाभा जी
प्रसिद्ध ग्रंथ - भक्तमाल
आराध्य - भगवान श्री रामचंद्र
❀ श्री नाभादास जी प्रसिद्ध ग्रंथ भक्तमाल की टीका प्रियादास जी ने संवत्‌ 1769 में, सौ वर्ष बाद, लिखी थी।
❀ अपने गुरु अग्रदास के समान इन्होंने भी रामभक्ति संबंधी कविता की है।
❀ इस किंवदन्ती के अनुसार ब्रह्मा जी ही श्री नाभादास जी के रूप में प्रकट हुए ।

महाभागवत श्री नाभादास जी महाराज उच्च कोटि के संत हुए है जिन्होंने इस संसार में श्री भक्तमाल ग्रन्थ प्रकट किया । भगवान् के भक्तो के चरित्र इस ग्रन्थ में नाभाजी द्वारा स्मरण किये गए है । इस ग्रन्थ की यह विशेषता है की इसमें सभी संप्रदयाचार्यो एवं सभी सभी सम्प्रदायो के संतो का सामान भाव से श्रद्धापूर्वक संस्मरण श्री नाभा जी ने किया है ।
संत तो प्रियतम के भी प्रिय है , भगवान् अपने से अधिक भक्तो को आदर देते है ।

गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है - मोते संत अधिक कर लेखा । भगवान् से भी अधिक महिमा उनके भक्तो की है । गोस्वामी जी ने एक और पद में लिखा है
मोरें मन प्रभु अस बिस्वासा । राम ते अधिक राम कर दासा ॥

भक्तमाल नाम का रहस्य :
जैसा की इसके भक्तमाल नाम से स्पष्ट है की यह ग्रन्थ भक्तो के परम पवित्र चरित्र रुपी पुष्पों की एक परम रमणीय माला के रूप में गुम्फित है और इस सरस सौरभमयी तथा कभी भी म्लान न होनेवाली सुमन मालिका को श्री हरि नित्य-निरंतर अपने श्री कंठ में धारण किये रहते है ।

जैसे माला में चार वस्तुएं मुख्य होती है - मणियाँ, सूत्र, सुमेरु और फुंदना (गुच्छा ) वैसे ही भक्तमाल में भक्तजन मणि है, भक्ति है सूत्र (जिसमे मणियाँ पिरोयी जाती है ), माला के ऊपर जो सुमेरु होता है वह श्री गुरुदेव है और सुमेरु का जो गाँठ रुपी गुच्छा है वह है हमारे श्री भगवान् ।

भक्तमाल कोई सामान्य रचना नहीं है,अपितु यह एक आशीर्वादात्मक ग्रन्थ है । यह श्री नाभादास जी की समाधि वाणी है । तपस्वी, सिद्ध एवं महान् संत की अहैतुकी कृपा और आशीर्वाद से इस ग्रन्थ का प्राकट्य हुआ है । महाभागवत नाभादास जी जन्म से नेत्रहीन थे , जब श्री गुरुदेव की कृपा से बालक को दृष्टी प्राप्त हुई तब सर्वप्रथम संसार का नहीं अपितु संत दर्शन ही किये ।

श्री नाभादास जी का वास्तविक स्वरुप :
एक बार ब्रह्मा जी ने व्रज के सब ग्वालबालों तथा गौओ और बछड़ो का हरण कर लिया था । इसपर भगवान् श्रीकृष्ण ने अपनी योगमाया के प्रभाव से वैसे ही अन्य ग्वाल-बालों ,गौओं तथा बछड़ो की सृष्टि कर दी, व्रज के लोगो को इस बात का पता ही नहीं लगा । बाद में ब्रह्मा जी ने भगवान् श्रीकृष्ण से अपने अपराध के लिए क्षमा मांगी तो भगवान् ने उन्हें इतना ही दंड दिया की तुम कलियुग में नेत्रहीन होकर जन्म ग्रहण करोगे, किन्तु तुम्हारा यह अंधापन केवल पांच वर्ष तक ही रहेगा बाद में महात्माओ की कृपा से तुम्हे दिव्य दृष्टि प्राप्त होगी । इस किंवदन्ती के अनुसार ब्रह्मा जी ही श्री नाभादास जी के रूप में प्रकट हुए ।

जो अन्य युगों में भक्त प्रकट हुए उनके चरित्र पुराणों में उपलब्ध होते है परंतु विशेषतः कलिकाल के जो भक्त है उनके चरित्र पुराणों में उपलब्ध नहीं है अतः इन चरित्रों का विस्तार करने हेतु, शैव वैष्णव भेद समाप्त करने हेतु,संत सेवा, भगवान् के उत्सवो एवं व्रतो में निष्ठा हेतु, भक्त सेवा में अपराध से बचने हेतु और संत वेश निष्ठा प्रकट करने हेतु श्री नाभादास जी ने इस ग्रन्थ को प्रकट किया ।

Nabhadas in English

Guru - Shri Agradas Ji Maharaj | Other name - Nabha Ji | Famous Book - Bhaktamal | Aaradhya - Lord Shri Ramchandra
यह भी जानें
अगर आपको यह भक्तमाल पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भक्तमाल को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

भारती तीर्थ

जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री श्री भारती तीर्थ महास्वामीजी, श्रृंगेरी शारदा पीठम के वर्तमान जगद्गुरु हैं।

हनुमान प्रसाद पोद्दार

हनुमान प्रसाद पोद्दार एक हिंदी लेखक, पत्रकार और समाज सुधारक थे। उन्हें हिंदू संतों की जीवनियों के संग्रह भक्तमाल पर उनके काम के लिए जाना जाता है।

महंत अवैद्यनाथ

महंत अवैद्यनाथ एक भारतीय राजनीतिज्ञ और हिंदू उपदेशक थे। वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु और गुरु थे। उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

रमेश बाबा

तीर्थराज प्रयाग में जन्मे बाबा रमेश पुरी महाराज ब्रज के पर्यावरणविद और संत हैं। बाबा ने ब्रज के पौराणिक स्वरूप को बचाने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है।

ब्रह्मकुमारी शिवानी

ब्रह्म कुमारियों में, बहन शिवानी एक प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता के रूप में उभरी हैं और सार्वजनिक सेमिनारों और टेलीविजन कार्यक्रमों के माध्यम से प्रेरक पाठ्यक्रम चलाती हैं।

चैतन्य महाप्रभु

चैतन्य महाप्रभु 15वीं शताब्दी के एक भारतीय संत थे, जिन्हें उनके शिष्यों और विभिन्न शास्त्रों द्वारा राधा और कृष्ण का संयुक्त अवतार माना जाता है।

श्री माताजी निर्मला देवी

निर्मला देवी, एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु, जिन्हें व्यापक रूप से श्री माताजी निर्मला देवी के नाम से जाना जाता है, एक नए धार्मिक आंदोलन, सहज योग की संस्थापक थीं। उनके भक्त उन्हें आदि शक्ति की पूर्ण अवतार मानते हैं और अब 140 से अधिक देशों में उनकी पूजा की जाती है।

Hanuman Chalisa -
Ram Bhajan -
×
Bhakti Bharat APP