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लता मंगेशकर जी - शत् शत् नमन (Rip Lata Mangeshkar - Shat Shat Naman)

लता मंगेशकर जी - शत् शत् नमन
भारत की कोकिला लता मंगेशकर जी के निधन पर उन्हें शत् शत् नमन। उनके द्वारा गाये हुए भजनों को सुनकर भक्त अक्सर भाव विभोर हो जाते हैं। आइये उनके द्वारा गाये हुए कुछ भजनों को सुनते हैं। यही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ - माँ संतोषी भजन
छोटी-छोटी कन्याएं: भजन
वंदना: ज्ञान का दान ही सबसे बड़ा हैं
ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां: भजन
करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं - माँ संतोषी भजन
भजन: बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया
वंदना: ज्ञान का दान ही सबसे बड़ा हैं
श्री हनुमान जी आरती
श्री बजरंग बाण पाठ
श्री राम स्तुति: श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
प्रभू तेरो नाम
वंदना: ज्ञान का दान ही सबसे बड़ा हैं

Rip Lata Mangeshkar - Shat Shat Naman in English

Tributes to the Nightingale of India Lata Mangeshkar ji on her death. Devotees often get emotional after listening to the hymns sung by him. Let us listen to some of the hymns sung by him. This will be his true tribute.
यह भी जानें

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श्रावण मास 2024

श्रावण मास हिंदू कैलेंडर का पांचवां महीना है। हिंदुओं के लिए श्रावण का महीना उपवास का महीना होता है और कई हिंदू हर सोमवार को भगवान शिव और हर मंगलवार को देवी पार्वती का उपवास करते हैं।

सावन शिवरात्रि 2024

आइए जानें! सावन शिवरात्रि से जुड़ी कुछ जानकारियाँ एवं सम्वन्धित कुछ प्रेरक तथ्य.. | सावन शिवरात्रि: Friday, 2 August 2024

नीलाद्रि बिजे

नीलाद्रि बिज महोत्सव वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के समापन का प्रतीक है।

अधर पणा

अधर पणा अनुष्ठान आषाढ़ महीने त्रयोदशी तिथि पर पुरी जगन्नाथ मंदिर में आयोजित किया जाता है।

कांवर यात्रा की परंपरा किसने शुरू की?

धार्मिक ग्रंथों में माना जाता है कि भगवान परशुराम ने ही कांवर यात्रा की शुरुआत की थी। इसीलिए उन्हें प्रथम कांवरिया भी कहा जाता है।

तुलाभारम क्या है, तुलाभारम कैसे करें?

तुलाभारम और तुलाभरा जिसे तुला-दान के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन हिंदू प्रथा है यह एक प्राचीन अनुष्ठान है। तुलाभारम द्वापर युग से प्रचलित है। तुलाभारम का अर्थ है कि एक व्यक्ति को तराजू के एक हिस्से पर बैठाया जाता है और व्यक्ति की क्षमता के अनुसार बराबर मात्रा में चावल, तेल, सोना या चांदी या अनाज, फूल, गुड़ आदि तौला जाता है और भगवान को चढ़ाया जाता है।

हिंदू धर्म में पूजा से पहले संकल्प क्यों लिया जाता है?

संकल्प का सामान्य अर्थ है किसी कार्य को करने का दृढ़ निश्चय करना। हिंदू धर्म में परंपरा है कि किसी भी तरह की पूजा, अनुष्ठान या शुभ कार्य करने से पहले संकल्प लेना बहुत जरूरी होता है।

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