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विश्वकर्मा पूजा 2021 (Vishwakarma Puja 2021)

भगवान विश्वकर्मा की पूजा हर साल सितंबर के महीने में की जाती है, जिन्हें सृष्टि और सृष्टि के देवता देवताओं का शिल्पी कहा जाता है। इसी माह भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। विश्वकर्मा पूजा के दिन विशेष रूप से निर्माण कार्य से जुड़े औजारों, मशीनों, दुकानों, कारखानों आदि की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा की कृपा से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है, व्यापार में उन्नति होती है। जो भी कार्य शुरू होते हैं, वे पूरे होते हैं। भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर भी कहा जाता है।
इस साल कब है विश्वकर्मा पूजा, क्या है पूजा का समय?
हर साल की तरह इस बार भी विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर शुक्रवार को है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग में विश्वकर्मा पूजा मनाई जाएगी. विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह 06:07 बजे से अगले दिन सुबह 03:36 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा.

भगवान विश्वकर्मा कौन हैं
मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा पहले वास्तुकार और इंजीनियर हैं। उन्होंने स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान, द्वारका नगरी, यमपुरी, कुबेरपुरी आदि का निर्माण कराया। उन्होंने इस संसार की रचना में ब्रह्मा जी की सहायता की थी। इस दुनिया का नक्शा तैयार किया गया था।

Vishwakarma Puja 2021 in English

Bhagwan Vishwakarma, who is called the architect of the gods, the god of creation and creation, is worshiped every year in the month of September. Vishwakarma Puja is on Friday, September 17.
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चुनाव में मंदिर, मठ एवं आश्रमों का महत्व

माना जाता है कि सनातन प्रेमी हर चुनाव में जीत का एक निर्णायक पहलू होते हैं। और इन सनातन प्रेमियों(सनातन प्रेमी वोटर) का केंद्र होते हैं ये मंदिर, मठ एवं आश्रम। राजनीतिक उम्मीदवारों की जीत संख्याबल पर निर्धारित होती है। अतः चुनाव आते ही राजनैतिक उम्मीदवार हिंदू मंदिरों, मठों एवं आश्रमों की तरफ स्वतः ही खिचे चले आते हैं।

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