Shri Ram Bhajan
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मंत्र

श्री पंच-तत्व प्रणाम मंत्र

श्री पंच-तत्व प्रणाम मंत्र: (जय) श्रीकृष्णचैतन्य प्रभु नित्यानंद । श्री अद्वैत गदाधर श्रीवासादि गौर भक्तवृंद ॥

Mantra

श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्रम्

अथ ध्यानम - कस्तूरीतिलकं ललाटपटले वक्ष:स्थले कौस्तुभं नासाग्रे वरमौत्तिकं करतले वेणुं करे कंकणम ।...

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मदन मोहन अष्टकम

जय शङ्खगदाधर नीलकलेवर पीतपटाम्बर देहि पदम् । जय चन्दनचर्चित कुण्डलमण्डित कौस्तुभशोभित देहि पदम्..

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श्री अर्धनारीश्वर की सहस्रनामावली

जो व्यक्ति श्री अर्धनारीश्वर की सहस्रनामावली का पाठ करता है, उसे यश, सुख, धन, समृद्धि प्राप्त होती है...

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श्री रामाष्टकम् - व्यासविरचितं

भजे विशेषसुन्दरं समस्तपापखण्डनम् । स्वभक्तचित्तरञ्जनं सदैव राममद्वयम् ॥

Mantra

श्री दीनबंधु अष्टकम

श्री दीनबंधु अष्टकम भगवान विष्णु के प्रसिद्ध अष्टकमों में से एक है।

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नाग स्तोत्रम्

ब्रह्म लोके च ये सर्पाः शेषनागाः पुरोगमाः । नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥

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श्री जानकी स्रोत्र - जानकि त्वां नमस्यामि

जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ॥ दारिद्र्यरणसंहर्त्रीं भक्तानाभिष्टदायिनीम् । विदेहराजतनयां राघवानन्दकारिणीम् ॥..

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पति प्राप्ति - पार्वती स्तोत्रम्

जानकीकृतं पार्वतीस्तोत्रम् ॥ जानकी उवाच | शक्तिस्वरूपे सर्वेषां सर्वाधारे गुणाश्रये । सदा शंकरयुक्ते च पतिं देहि नमोsस्तु ते ॥ सृष्टिस्थित्यन्त रूपेण सृष्टिस्थित्यन्त रूपिणी...

Mantra

सीता कल्याण वैभोगमे

सीता कल्याण वैभोगमे, राम कल्याण वैभोगमे, पवनज स्तुति पात्र पावन चरित्र, रवि सोम वर नेत्र रमणीय गात्र..

Mantra

बिल्वाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्

त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधम्। त्रिजन्म पापसंहारं एकबिल्वं शिवार्पणम् ॥

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शिव स्तुति, विद्येश्वरसंहिता श्रीशिवमहापुराण

आद्यन्तमङ्गलमजातसमानभाव- मार्यं तमीशमजरामरमात्मदेवम् | श्रीशिवमहापुराण / प्रथम-खण्ड - पूर्वार्ध /विद्येश्वरसंहिता / प्रथमोऽध्यायः / मुनिप्रश्नोत्तरवर्णनम्

Mantra

नरसिम्हा अष्टोत्तर शतनामावली

ॐ नारसिंहाय नमः। ॐ महासिंहाय नमः। ॐ दिव्यसिंहाय नमः।

Mantra

भगवान नृसिंह गायत्री मन्त्र

ॐ वज्रनखाय विद्महे तीक्ष्णदंष्ट्राय धीमहि। तन्नो नृसिंहः प्रचोदयात्॥

Mantra

सदाशिव अष्टकम्

सुवर्णपद्मिनी-तटान्त-दिव्यहर्म्य-वासिने, सुपर्णवाहन-प्रियाय सूर्यकोटि-तेजसे । अपर्णया विहारिणे फणाधरेन्द्र-धारिणे, सदा नमश्शिवाय ते सदाशिवाय शंभवे ॥

Mantra

मंत्र - Mantras are sounds, syllables, vibrations or group of words in Sanskrit language to obtain psychological and spiritual powers. Man means mind, and tra means vehicle or instrument: a tool to transport/transform the mind from one state to silence state. Mantras now exist in Hinduism, Buddhism, Jainism, and Sikhism, and sounds as per its existence.

ॐ (Om) is shortest and simplest one word mantra, also known as bija (seed) mantra. Like Om, Shanti Mantra and Gayatri Mantra are common and fundamental mantra for daily uses.

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