Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र - Gajendra Moksham StotramDownload APP Now - Download APP NowHanuman Chalisa - Hanuman ChalisaFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

तुलसीदास जी कुटिया पर श्री राम लक्षमण का पहरा - सत्य कथा (Goswami Tulsidas Ke Ghar Ka Shri Ram Lakshman ka Pahara)


Add To Favorites Change Font Size
श्री राम लक्षमण का गोस्वामी जी की कुटिया के बहार पहरा देना:
श्री रामचरितमानस की ख्याति से परेशान काशी के संस्कृत पण्डितों ने कुछ षड़यंत्र सोचा और मानस की प्रति चुराने के लिये दो चोर भेजे गये। उन्होने जाकर देखा कि तुलसीदास जी की कुटीके आसपास दो वीर हाथ मे धनुष बाण लेकर पहरा दे रहे हैं। वे बड़े ही सून्दर श्याम और गौर वर्ण के थे।
उन वीर पाहरेदारों की सावधानी देखकर चोर बडे प्रभावित हुए और उनके दर्शन से उनकी बुद्धि शुद्ध हो गयी। उन्होने श्रीतुलसीदास जी के पास जाकर सब वृत्तान्त कहा और पूछा कि आपके ये सुंदर वीर पहरेदार कौन हैं ? तुलसीदास जी समझ गए की प्रभु श्री राम लक्ष्मण ही है।

तुलसीदास जी के नेत्रों से अश्रुओं की धारा बह चली, वाणी गदगद हो गयी। अपने प्रभुके कृपा समुद्र में वे डूबने-उतराने लगे। उन्होने अपने को संभालकर कहा कि तुमलोग बडे भाग्यवान हो, घन्य हो किं तुम्हें भगवान् के दर्शन प्राप्त हुए। उन चोरो ने अपना रोजगार छोड दिया और वे भजन में लग गये।

तुलसीदास जी ने कुटी की सब वस्तुएँ लुटा दीं, मूल पुस्तक यत्न के साथ अपने मित्र टोडरमल जोकि अकबर के नवरत्नों में से एक के घर रख दीं। श्री तुलसीदास जी ने एक दूसरी प्रति लिखी उसी के आधार पर पुस्तको की प्रतिलिपियां तैयार होने लगीं

दिन दूना रात चौगुना प्रचार होने लगा। पण्डितों का दुःख बढ़ने लगा। उन्होंने काशी के प्रसिद्ध तांत्रिक वटेश्वर मिश्र से प्रार्थना की कि हमलोगों को बडी पीडा हो रही है, किसी प्रकार तुलसीदासजी का अनिष्ट होना चाहिये।

उन्होंने मारण प्रयोग किया और प्रेरणा करके भैरव को भेजा। भैरव तुलसी दास के आश्रमपर गये, वहाँ हनुमान जी तुलसीदास जी की रक्षा करते देखकर वे भयभीत होकर लौट गये, मारण का प्रयोग करनेवाले वटेश्वर मिश्र के प्राणों पर ही आ बनी। परंतु अब भी पण्डितों का समाधान नहीं हो सका।
यह भी जानें

Prerak-kahani Shri Ram Prerak-kahaniShri Hanuman Prerak-kahaniTulsidas Prerak-kahaniTrue Story Prerak-kahaniTrue Prerak-kahaniChor Prerak-kahaniThief Prerak-kahaniBhairav Prerak-kahaniAashram Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

बुढ़िया माई को मुक्ति दी - तुलसी माता की कहानी

कार्तिक महीने में एक बुढ़िया माई तुलसीजी को सींचती और कहती कि: हे तुलसी माता! सत की दाता मैं तेरा बिडला सीचती हूँ..

कर्म के साथ भावनाओं का भी महत्व है - प्रेरक कहानी

एक गाय घास चरने के लिए एक जंगल में चली गई। शाम ढलने के करीब थी। उसने देखा कि एक बाघ उसकी तरफ दबे पांव बढ़ रहा है।..

भक्ति का प्रथम मार्ग है, सरलता - प्रेरक कहानी

प्रभु बोले भक्त की इच्छा है पूरी तो करनी पड़ेगी। चलो लग जाओ काम से। लक्ष्मण जी ने लकड़ी उठाई, माता सीता आटा सानने लगीं। आज एकादशी है...

एक दिन का पुण्य ही क्यूँ? - प्रेरक कहानी

तुम्हारे बाप के नौकर बैठे हैं क्या हम यहां, पहले पैसे, अब पानी, थोड़ी देर में रोटी मांगेगा, चल भाग यहाँ से।

श्री तुलसी जी का चमत्कार - प्रेरक कहानी

तुलसी माला पहनने से व्यक्ति की पाचन शक्ति, तेज बुखार, दिमाग की बीमारियों एवं वायु संबंधित अनेक रोगों में लाभ मिलता है। संक्रामक बीमारी और अकाल मौत भी नहीं होती, ऐसी धार्मिक मान्यता है।

भगवान जी आप अपना ध्यान रखना - प्रेरक कहानी

क्योंकि दादा-दादी को कुछ हो गया, तो मुझे चॉकलेट कौन देगा?..

पाखंडी को परमात्मा नहीं मिलते - प्रेरक कहानी

पाखंड भूत है । अभिमान भी भूत है । पाखंडी को परमात्मा नहीं मिलते। श्री कृष्ण के प्रति गोपियों का प्रेम इतना अधिक बढ़ गया था कि वह उनका वियोग एक क्षण भी नहीं सह सकती..

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
×
Bhakti Bharat APP