लभौआ स्टेट के शाही परिवार द्वारा बनाई गई बाबड़ी के साथ ही बना यह शिव-शक्ति मंदिर, आज बाबड़ी मंदिर लभौआ के नाम से प्रसिद्ध है। मंदिर की स्थापना लगभग 400 बर्ष पुरानी है। भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण होने पर, भक्त अपनी इच्छा अनुसार मंदिर में घंटा अथवा झंडा चढ़ाते हैं। आज के मंदिर परिसर की नवीनतम रचना श्री राम दरवार है। मंदिर समिति द्वारा नये तालाब की खुदाई का कार्य भी प्रगती पर चल रहा है। प्रत्येक चैत्र, अषाढ़ व कार्तिक की पूर्णिमा को मंदिर में मेले का आयोजन होता है।
Old formation of stepwells are called Babadi. In Hindi speaking regions, it includes distinct names based on local appearence as baudi or bawdi or bawri or baoli or bavadi or bavdi or बावली, vav or vaav or વાવ (Gujarati), kalyani or pushkarani(Kannada) and barav or बारव (Marathi).
बाबड़ी मंदिर लभौआ
बाबड़ी मंदिर लभौआ
बाबड़ी मंदिर लभौआ
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बाबड़ी मंदिर लभौआ
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बाबड़ी मंदिर लभौआ
बाबड़ी मंदिर लभौआ
बाबड़ी मंदिर लभौआ
24 May 2013
बाबड़ी मंदिर सर्वंगिन विकास समिति की स्थापना।
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