आरती: श्री शनिदेव - जय जय श्री शनिदेव
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥जय जय..॥
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श्री जगन्नाथ आरती - चतुर्भुज जगन्नाथ
चतुर्भुज जगन्नाथ, कंठ शोभित कौसतुभः ॥ पद्मनाभ, बेडगरवहस्य, चन्द्र सूरज्या बिलोचनः
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ॐ जय गंगे माता श्री जय गंगे माता। जो नर तुमको ध्याता मनवांछित फल पाता॥ हर हर गंगे, जय माँ गंगे...
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जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा। सत्यनारायण स्वामी, जन पातक हरणा॥
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तुलसी महारानी नमो-नमो, हरि की पटरानी नमो-नमो। धन तुलसी पूरण तप कीनो, शालिग्राम बनी पटरानी।
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नन्द-सुवन जसुमतिके लाला,गोधन गोपी प्रिय गोपाला। देवप्रिय असुरनके काला,मोहन विश्वविमोहन वर की॥
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नमस्ते नरसिंहाय, प्रह्लादाह्लाद-दायिने, हिरण्यकशिपोर्वक्षः- शिला-टङ्क-नखालये..
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जय जय श्री बगलामुखी माता, आरति करहुँ तुम्हारी । पीत वसन तन पर तव सोहै, कुण्डल की छबि न्यारी ॥ कर-कमलों में मुद्गर धारै, अस्तुति करहिं सकल नर-नारी ॥
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ॐ जय परशुधारी, स्वामी जय परशुधारी । सुर नर मुनिजन सेवत, श्रीपति अवतारी ॥ ॐ जय परशुधारी..॥
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श्रीदेवीजी की आरती - जगजननी जय! जय
जगजननी जय! जय!! (मा! जगजननी जय! जय!!) । भयहारिणि, भवतारिणि, भवभामिनि जय! जय ॥
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आरती (Aarti, Arti, arati) is a special love, benevolence and gratitude songs which is the part of puja ritual with ghee or oil deepak (lamp). Aarti is performed for God, divine elements or Guru (spiritual teacher). Bhakti Bharat updates you 71+ aarti lyrics.