थारी जय जो पवन कुमार - भजन (Bhajan: Thari Jai Ho Pavan Kumar Balihari Jaun Balaji)


लाल लंगोटो हाथ मे सोटो,
थारी जय जो पवन कुमार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी,
बलिहारी जाऊँ बालाजी॥
सालासर थारो देवरो है बाबा,
मेहंदीपुर भी थारो देवरो बाबा,
थारे नोबत बाजे द्वार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी॥

चैत्र सुदी पूनम को मेलो,
चैत्र सुदी पूनम को मेलो,
थारे आये भगत अपार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी॥

तेल सिंदूर चढ़े तन ऊपर,
तेल सिंदूर चढ़े तन ऊपर,
कोई मंगल और शनिवार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी॥

गठ जोड़े की जात जड़ूला,
गठ जोड़े की जात जड़ूला,
देवे लाखो ही नर नार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी॥

ध्वजा नारियल चढे चूरमो,
ध्वजा नारियल चढे चूरमो,
सर पे छतर हजार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी॥

घृत सिंदूर चढ़ावे थाने,
घृत सिंदूर चढ़ावे थाने,
मंगल और शनिवार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी॥

भक्तो का थे संकट काटो,
भक्तो का थे संकट काटो,
थारी महिमा अपरम्पार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी॥

लाल लंगोटो हाथ मे सोटो,
थारी जय जो पवन कुमार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी,
बलिहारी जाऊँ बालाजी॥
Bhajan: Thari Jai Ho Pavan Kumar Balihari Jaun Balaji - Read in English
Lal Langoto Hath Me Soto, Thari Jay Jo Pavan Kumar, Main Vari Jaoon Balaji,
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