निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥
जन्माष्टमी, राधाष्टमी, होली, भागवत कथा, गीता पाठ, कीर्तन, भजन संध्या मे प्रसिद्ध श्री कृष्ण भजन..
मां के प्यार का सरवर, मां के नाम का सरवर
हमने आँगन नहीं बुहारा, कैसे आयेंगे भगवान् । मन का मैल नहीं धोया तो, कैसे आयेंगे भगवान्...
चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है । हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है..
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की। जय जय संतोषी माता जय जय माँ॥
साँची ज्योतो वाली माता, तेरी जय जय कार। तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये।