कर्ता करे ना कर सके,
पर गुरु किए सब होये ।
सात द्वीप नौ खंड मे,
मेरे गुरु से बड़ा ना कोए ॥
सांवरे को दिल में बसा के तो देखो
दुनिया से मन को हटा के देखो
बड़ा ही दयालु है बांके बिहारी
इक बार वृन्दावन आ करके तो देखो
बांके बिहारी भक्तों के दिलदार
सदा लुटाते हैं कृपा के भण्डार
मीरा ने जैसे गिरिधर की पाया
प्याला ज़हर का अमृत बनाया
मीरा सी हस्ती मिटा कर तो देखो
इक बार वृन्दावन आ कर के देखो
सांवरे को दिल में बसा के तो देखो...
कोई तन दुखी कोई मन दुखी
कोई धन बिन रहे उदास
थोड़े थोड़े सब दुखी,
सुखी राम के दास
तेरी पल में झोली वो भर देगा
दुःख दर्द जिंदगी के वो हर लेगा
चौखट पे दामन फैला कर तो देखो
बस, इक बार वृन्दावन आ कर तो देखो
‘चित्र विचित्र’ का तो बस यही कहना
प्रभु चरणो से कही दूर नहीं रहना
जिंदगी यह बंदगी में मिटा कर तो देखो
इक बार वृन्दावन आ कर के देखो
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