हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन, सुन लो मेरी पुकार । पवनसुत विनती बारम्बार...
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥
आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू..
शिव शंकर तुम्हरी जटाओ से, गंगा की धारा बहती है, सारी श्रष्टि इसलिए तुम्हे, गंगा धारी शिव कहती है, शिव शंकर तुमरी जटाओ से,
गंगा की धारा बहती है ॥
मेरी जिंदगी में ग़मों का ज़हर है, विष पीने वाले छुपा तू किधर है, ओ विष पीने वाले छुपा तू किधर है ॥
तीन लोक त्रिपुरारी मेरे कैलाश त्रिशूलधारी, इक तेरा भगत और फैन आर्मी, सुन भोले भंडारी ॥
भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग में, महिमा जिनकी है भारी, बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे, बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे, सारा जहाँ, भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग में ॥