Sawan 2025

भगवान जगन्नाथ नवमी दर्शन (Bhagwan Jagannath Navami Darshan)

भगवान जगन्नाथ नवमी दर्शन
भगवान जगन्नाथ नवमी दर्शन हिंदू धर्म में विशेष रूप से भगवान जगन्नाथ भक्तों के लिए एक शुभ दिन है। इस दिन को संध्या दर्शन या नवमी दर्शन या अदप मंडप दर्शन के नाम से भी जाना जाता है। एक शुभ अवसर जब भक्त देवताओं के दर्शन करते हैं और देवताओं की पूजा करते हैं।
भगवान जगन्नाथ नवमी दर्शन का पर्व कब मनाया जाता है:
शुभ नवमी दर्शन जगन्नाथ की रथ यात्रा के नवमी तिथि के दिन होता है। गुंडिचा मंदिर में भक्त भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के दर्शन करते हैं। इस दिन भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने से भक्तों को गरुड़ पुराण के अनुसार मोक्ष की प्राप्ति होती है।

रथ यात्रा से लेकर नीलाद्री बिजे तक हर रोज गुंडिचा मंदिर में भगवान जगन्नाथ के लिए कुछ रस्में होती हैं। रथ यात्रा के 5वें दिन हेरा पंचमी मनाई गई तो रथ यात्रा के नवमी तिथि के दिन नवमी दर्शन होती है। शास्त्रों के अनुसार जगन्नाथ रथ यात्रा के जगन्नाथ रथ की यह परंपरा बहुत पुरानी और प्रमुख है। ऐसा माना जाता है कि एक दिन भगवान जगन्नाथ की छोटी बहन देवी सुभद्रा ने शहर का चक्कर लगाने की इच्छा व्यक्त की और तभी से यह जुलूस शुरू हुआ। इस त्योहार के दौरान, भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र और उनकी बहन देवी सुभद्रा के तीन रथों के जुलूस को जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है और मौसी मां मंदिर में रुकता है, जहां उन्हें उनके पसंदीदा भोजन चढ़ाया जाता है।

भगवान जगन्नाथ नवमी दर्शन का स्थान:
पुरी, उड़ीसा के गुंडिचा मंदिर में संध्या दर्शन होता है और दर्शन शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक होता है। ओडिया कैलेंडर के आषाढ़ माह में 'नवमी तिथि' पर संध्या दर्शन के रूप में त्रिदेव की एक झलक के लिए भक्त मंदिर के बाहर लंबी कतारों में कई घंटों तक इंतजार करते हैं। दर्शन के बाद, भक्त 'महाप्रसाद' सेवन करते हैं।

इस नवमी दर्शन के लिए ओडिशा सरकार द्वारा हर साल एक बहुत ही विशेष व्यवस्था की जाती है क्योंकि भगवान जगन्नाथ नवमी के दर्शन के लिए दुनिया भर से भक्त इकट्ठा होते हैं।

जय जगन्नाथ!

Bhagwan Jagannath Navami Darshan in English

Bhagwan Jagannath Navami Darshan is an auspicious day in Hinduism especially for Bhagwan Jagannath devotees. This day is also known as Sandhya Darshan or Navami Darshan or Adap Mandap Darshan. An auspicious occasion when devotees visit the deities and worship the deities.
यह भी जानें

Blogs Navami Darshan BlogsPanchami BlogsRath Yatra BlogsGundicha Yatra BlogsJagannath Rath BlogsChariot Festival BlogsRath Yatra Dates BlogsNetrautsav BlogsNetotsav BlogsHera Panchami BlogsSuna Besh BlogsNiladri Bije Blogs

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस ब्लॉग को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

शिवलिंग पर बेलपत्र कैसे चढ़ाएं?

शिवलिंग पर बेलपत्र (बिल्व पत्र) चढ़ाते समय, हिंदू धर्मग्रंथों और पारंपरिक पूजा पद्धतियों के अनुसार, इसे एक विशिष्ट विधि से अर्पित किया जाना चाहिए।

सावन के सोमवर व्रत का महत्व एवं इसके लाभ?

सावन के महीने में सोमवार का दिन विशेष माना जाता है। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है, इसलिए सावन के महीने में सोमवार का महत्व काफी बढ़ जाता है।

कांवर यात्रा की परंपरा किसने शुरू की?

धार्मिक ग्रंथों में माना जाता है कि भगवान परशुराम ने ही कांवर यात्रा की शुरुआत की थी। इसीलिए उन्हें प्रथम कांवरिया भी कहा जाता है।

सावन शिवरात्रि 2025

आइए जानें! सावन शिवरात्रि से जुड़ी कुछ जानकारियाँ एवं सम्वन्धित कुछ प्रेरक तथ्य.. | सावन शिवरात्रि: Friday, 2 August 2024

नया हनुमान मन्दिर का प्राचीन इतिहास

नया हनुमान मन्दिर को उन्नीसवीं शती के आरम्भ में सुगन्धित द्रव्य केसर विक्रेता लाला जटमल द्वारा 1783 में बनवाया गया।

भगवान जगन्नाथ का नीलाद्रि बीजे अनुष्ठान क्या है?

नीलाद्रि बीजे, वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के अंत और भगवान जगन्नाथ की गर्भगृह में वापसी को चिह्नित करता है या फिर आप भगवान जगन्नाथ और उनकी प्यारी पत्नी माँ महालक्ष्मी के बीच एक प्यारी सी कहानी बता सकते हैं।

ISKCON एकादशी कैलेंडर 2025

यह एकादशी तिथियाँ केवल वैष्णव सम्प्रदाय इस्कॉन के अनुयायियों के लिए मान्य है | ISKCON एकादशी कैलेंडर 2025

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Bhakti Bharat APP