Shri Ram Bhajan
गूगल पर भक्ति भारत को अपना प्रीफ़र्ड सोर्स बनाएँ

भगवान नृसिंह गायत्री मन्त्र (Bhagwan Narasimha Gayatri Mantra)


भगवान नृसिंह गायत्री मन्त्र
नृसिंह गायत्री मन्त्र, भगवान नृसिंह के सर्वाधिक लोकप्रिय मन्त्रों में से एक है। देव पूजन में, अधिकांश देवी-देवताओं की स्तुति उनके अपने गायत्री मन्त्र से की जाती है। भगवान नृसिंह गायत्री मन्त्र, जो सर्वाधिक लोकप्रिय मूल गायत्री मन्त्र का ही एक रूप है।
॥ भगवान नृसिंह गायत्री मन्त्र ॥
ॐ वज्रनखाय विद्महे तीक्ष्णदंष्ट्राय धीमहि।
तन्नो नृसिंहः प्रचोदयात्॥

मन्त्र अर्थ
हम उन नृसिंह भगवान का ध्यान करते हैं, जिनके वज्र के समान कठोर नख हैं तथा अत्यन्त तीक्ष्ण दाँत हैं। वे भगवान नरसिंह हमारी बुद्धि एवं मन को ज्ञान से प्रकाशित करें तथा हमें सन्मार्ग की ओर प्रेरित करें।

Bhagwan Narasimha Gayatri Mantra in English

Om Vajrankhay Vidmahe Tikshanadantray Dhimahi। Tanno Nrisingh: Prachodayat॥
यह भी जानें

Mantra Bhagwan Narasimha MantraShri Nrisimha MantraShri Vishnu MantraVishnu MantraVishnu Avtar MantraNarasimha MantraNarasimha Gayatri Mantra Mantra

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

मंत्र ›

संकट मोचन हनुमानाष्टक

बाल समय रवि भक्षी लियो तब।.. लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।...

हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम - मंत्र

हनुमान जी के 12 नाम | हनुमान द्वादश नाम | हनुमानद्वादशनाम स्तोत्र | Hanumaan 12 naam |

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय - हनुमान मंत्र

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय । सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा ॥

श्री हनुमान हृदय मालिका

पवन पुत्र हनुमान विचित्र | कृपा कटाक्ष अत्र तत्र सर्वत्र ॥१॥ परम वैष्णव राम शुद्ध भक्त | विशाल देह तुम अतीव शक्त ॥२॥

श्रीहनुमत् पञ्चरत्नम्

आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित श्री हनुमत पञ्चरत्नं स्तोत्र में भगवान श्री हनुमान की विशेषता के बारे में बताया गया हैं। वीताखिल-विषयेच्छं जातानन्दाश्र पुलकमत्यच्छम् ..

ऋण मोचक मङ्गल स्तोत्रम्

श्री मङ्गलाय नमः ॥ मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः । स्थिरासनो महाकयः सर्वकर्मविरोधकः ॥..

श्री हनुमान स्तवन - श्रीहनुमन्नमस्कारः

प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ज्ञानघन ।.. गोष्पदी कृत वारीशं मशकी कृत राक्षसम् ।..

Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP