Download Bhakti Bharat APP
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र - Gajendra Moksham StotramDownload APP Now - Download APP NowHanuman Chalisa - Hanuman ChalisaFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

तुलसी विवाह पर तुलसी माता की परिक्रमा का महत्व (Importance of Parikrama of Tulsi Mata on Tulsi Vivah)

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भगवान विष्णु और तुलसी का विवाह कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। इस एकादशी को देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में इस एकादशी का विशेष महत्व है। क्योंकि इस महीने में भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा के बाद जागते हैं।
इस दिन से ही शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है। इस दिन तुलसी की परिक्रमा करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है, लेकिन अगर आप परिक्रमा कर रहे हैं तो आपको अपने हाथ में कौन सी चीजें रखनी चाहिए जिससे लाभ हो सके। इसके बारे में जानना जरूरी है।

कैसे करें तुलसी माता की परिक्रमा
❀ तुलसी विवाह के बाद तुलसी के पेड़ की परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए, लेकिन कभी भी खाली हाथ परिक्रमा नहीं करनी चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है।
❀ तुलसी विवाह के दिन हाथ में गेहूं लेकर परिक्रमा करनी चाहिए। इससे आपके सभी बिगड़े काम बनने लगेंगे और आपको शुभ फल भी मिलने लगेंगे।
❀ तुलसी विवाह के बाद हाथ में काले तिल (काले तिल का उपाय) लेकर परिक्रमा करें। ऐसा करने से आपको कभी कोई परेशानी नहीं होगी और सभी कार्यों में सफलता भी मिल सकती है।
❀ तुलसी मंजिरी हाथ में लेकर परिक्रमा करनी चाहिए और साथ में एक चुटकी हल्दी भी ले लेनी चाहिए। ऐसा करने से आपको जल्द ही विवाह प्रस्ताव मिल सकता है और वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियां भी दूर हो सकती हैं।

तुलसी विवाह के दिन इन बातों का रखें ध्यान
❀ इस दिन विवाहित महिलाओं को तुलसी विवाह अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
❀ इस दिन पूजा के समय तुलसी को सुहाग का सामान और लाल चुनरी अवश्य चढ़ानी चाहिए।
❀ तुलसी विवाह के दिन हल्दी को दूध में भिगोकर तिलक लगाएं।
❀ इस दिन भगवान विष्णु को मिठाई का भोग लगाएं और सभी को बांटें।
❀ पूजा समाप्त करने के बाद शाम को उठने के लिए भगवान विष्णु का आह्वान करें।

तुलसी विवाह के दिन तुलसी की 108 बार परिक्रमा करें और नारायण की पूजा भी करें। ऐसा करने से आपको मनचाहा जीवनसाथी मिल सकता है और आर्थिक सुख भी प्राप्त हो सकता है।

Importance of Parikrama of Tulsi Mata on Tulsi Vivah in English

By Parikrama Tulsi Mata on Tulsi Vivah, a person gets auspicious results.
यह भी जानें

Blogs Parikrama Of Tulsi Mata BlogsTulsi Vivah BlogsHindu Pavitra Maas BlogsBhagwan Vishnu BlogsNarayan BlogsTulsi Mata BlogsDevuthani Ekadashi Blogs

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस ब्लॉग को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नया हनुमान मन्दिर का प्राचीन इतिहास

नया हनुमान मन्दिर को उन्नीसवीं शती के आरम्भ में सुगन्धित द्रव्य केसर विक्रेता लाला जटमल द्वारा 1783 में बनवाया गया।

तनखैया

तनखैया जिसका अर्थ है “सिख पंथ में, धर्म-विरोधी कार्य करनेवाला घोषित अपराधी।

कल्पवास

प्रयाग के संगम तट पर एक माह रहकर लोग कल्पवास करते हैं। यह परम्परा सदियों से चली आ रही है। ’कल्पवास‘ एक ऐसा व्रत है जो प्रयाग आदि तीर्थों के तट पर किया जाता है।

मार्गशीर्ष मास 2024

मार्गशीर्ष हिंदू कैलेंडर में नौवां महीना है, जिसे हिंदुओं के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार "मासोनम मार्गशीर्षोहम्" का अर्थ है कि मार्गशीर्ष के समान शुभ कोई दूसरा महीना नहीं है।

चैत्र मास 2025

चैत्र मास, हिंदू कैलेंडर का पहला महीना, जो हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। हिन्दू वर्ष का प्रथम मास होने के कारण चैत्र का विशेष महत्व है। चैत्र मास की पूर्णिमा चित्रा नक्षत्र में है, इसलिए इस मास का नाम चैत्र है। चैत्र का महीना मार्च या अप्रैल में आता है।

आंवला नवमी पर राधा पद दर्शन

आंवला नवमी या अनला नवमी के शुभ अवसर पर, हजारों भक्त प्रसिद्ध राधा पद दर्शन अनुष्ठान के लिए सखीगोपाल मंदिर, पुरी, ओडिशा में भगवान श्री कृष्ण के प्रसिद्ध गोपीनाथ मंदिर जाते हैं।

दीवाली विशेष 2024

दीवाली/दीपावली क्यों, कब, कहाँ और कैसे? आरती माँ लक्ष्मीजी, भगवान श्री कुबेर जी की आरती, आरती श्री गणेश जी, आरती श्री रामचन्द्र जी की कीजै, श्री गोवर्धन महाराज आरती

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
×
Bhakti Bharat APP