हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ का महीना ग्यारहवां महीना होता है। माघ मास की पूर्णिमा चन्द्रमा और अश्लेषा नक्षत्र में होती है, इसलिए इस मास को माघ मास कहा जाता है। माघ मास में सुख-शांति और समृद्धि के लिए पूजा किया जाता है।
माघ मास के पीछे की पौराणिक कथा:
पौराणिक कथा के अनुसार माघ मास में गौतम ऋषि ने इंद्र को श्राप दिया था। क्षमा याचना करने पर गौतम ऋषि ने उन्हें माघ मास में गंगा में स्नान करके प्रायश्चित करने को कहा। तब इंद्रदेव ने माघ मास में गंगा में स्नान किया था, जिसके फलस्वरूप इंद्रदेव को श्राप से मुक्ति मिली थी। इसलिए इस मास में माघी पूर्णिमा और माघी अमावस्या के दिन स्नान करना पवित्र माना गया है।
माघ मास 2023
शनिवार, 7 जनवरी 2023 - रविवार, 5 फरवरी 2023 [दिल्ली]
माघ मास में किस तरह पूजा अदि का पालन करें:
❀ माघ मास में प्रतिदिन नदी में स्नान करने के बाद ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जाप कर सूर्य भगबान को अर्घ्य दें।
❀ मंदिर जाकर तांबे के लोटे से शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। बिल्व पत्र और धूतरा चढ़ाएं, चंदन का तिलक लगाएं और धूप-दीप जलाकर आरती करें।
❀ माघ मास में भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण का अभिषेक अवश्य करें। प्रतिदिन प्रात: काल श्री कृष्ण को पीले फूल और पंचामृत अर्पित करें, उसके बाद "मधुराष्टक" का पाठ करें।
❀ दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरकर शंख से कृष्ण भगवान का अभिषेक करें। भगवान को पीले चमकीले वस्त्र अर्पित करें। तुलसी के साथ दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं। पूजा में ॐ नमो भगवते वासुदेवाय एवं कृ कृष्णय नम: मंत्र का जाप करें और आरती करें।
❀ माघ मास में जरूरतमंद लोगों को दान करें, हो सके गाय की सेवा करें।
माघ मास के व्रत, त्योहार, जयंती एवं उत्सव
❋ सकट चौथ
❋ माघ गुप्त नवरात्रि
❋ भीष्म अष्टमी
❋ रथ सप्तमी
❋ तक्षक पूजा
❋ मासी मागम
❋ वसंत पंचमी
❋ रविदास जयंती
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