हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ का महीना ग्यारहवां महीना होता है। माघ मास की पूर्णिमा चन्द्रमा और अश्लेषा नक्षत्र में होती है, इसलिए इस मास को माघ मास कहा जाता है।माघ मास में सुख-शांति और समृद्धि के लिए पूजा किया जाता है।
अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »इस ब्लॉग को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें * कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।
ईश्वर सच्चिदानंदस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनंत, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वांतर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है, उसी की उपासना करने योग्य है।