तोरण को बंदनवार भी कहा जाता है।
मां लक्ष्मी के स्वागत व उन्हें प्रसन्न करने के लिए दरवाजे पर इसे लगाना शुभ माना जाता है। तोरण लगाने से घर की नाकारात्मक ऊर्जा दरवाजे से ही वापिस चली जाती है। तोरण कई तरह से बनाए जाते हैं। आम के पत्तों,धान की बालियों और गेंदे को फूलो से बना तोरण का अलग-अलग महत्व है।
आम के पत्ते का तोरण कैसे बनाते है
❀ अधिकांश हिंदू धार्मिक समारोहों में सिंदूर या सिंदूर से लिपटे बर्तन में आम के पेड़ की पांच पत्ति दिखाई देती है।
❀ यदि आप अपने घर के मुख्य द्वार में तोरण लगा रहे हैं तो आम के हरी पत्ती और फूलों का तोरण लगाएं।
❀ सूखे आम पत्तों, टूटे पत्तों को कभी भी तोरण के रूप में प्रयोग न करें, यह देखने में अच्छा नहीं लगता और संक्रमित पत्तों का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए।
❀ तोरण बनाते समय आम के पत्ते सीधे रखें।
आम के पत्तों का तोरण के महत्व
❀ आम के पत्तों को मुख्य द्वार पर तोरण के रूप में लटकाने से घर में आने वाले हर व्यक्ति के साथ साकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती हैं। इससे हर काम बिना विघ्न पूरा हो जाता है।
❀ गेंदे के फूल भी आम के पत्तों के साथ लगाना शुभ माना जाता है। पीले रंग के इन फूलों का संबंध बृहस्पति ग्रह से होता है इसलिए कहा जाता है कि जिस घर के द्वार पर गेंदे का फूल लगाया जाता है उस घर में सुख-समृद्धि आती है।
❀ सदियों से हमारे देश में आम के वृक्ष को पूजनीय माना जाता है तभी तो किसी भी तरह के मांगलिक कार्यों में आम के पत्तों का उपयोग किया जाता है।
आम के पत्तों का तोरण द्वार पर लगाने से सभी मांगलिक कार्य निर्विघ्न पूरे हो जाते हैं। बुरी शक्तियां एवं नकारात्मक ऊर्जा भी शुभ कार्य में बाधा नहीं डाल पाती हैं, इसलिए दरवाज़े पर आम के पत्तों को लटकाना बहुत शुभ माना गया है।
❀ धार्मिक मान्यता के मुताबिक आम
हनुमान जी का प्रिय फल है। इसलिए जहां भी आम और आम का पत्ता होता है वहां हनुमान जी की विशेष कृपा बनी रहती है।
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