पितृ पक्ष जिसे श्राद्ध या कानागत भी कहा जाता है, श्राद्ध पूर्णिमा के साथ शुरू होकर सोलह दिनों के बाद सर्व पितृ अमावस्या के दिन समाप्त होता है। हिंदू अपने पूर्वजों (अर्थात पितरों) को विशेष रूप से भोजन प्रसाद के माध्यम से सम्मान, धन्यवाद व श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
ऐसा माना जाता है कि श्राद्ध के समय, पूर्वजों को अपने रिश्तेदारों को आशीर्वाद देने के लिए पृथ्वी पर आते हैं। श्राद्ध कर्म की व्यख्या रामायण और महाभारत दोनों ही महाकाव्य में मिलती है।
संबंधित अन्य नाम | श्राद्ध पक्ष, कनागत, महालय पक्ष, सर्वपितृ अमावस्या, महालय अमावस्या, अपरा पक्ष, पितृ अमावस्या, पितर पक्ष |
सुरुआत तिथि | भाद्रपद शुक्ला पूर्णिमा |
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