
चारुमति कर्त्यव्यनिष्ठ नारी थी जो अपने सास, ससुर एवं पति की सेवा और माँ लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना कर एक आदर्श नारी का जीवन व्यतीत करती थी।..
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रक्षाबंधन की अनेक कथाएँ प्रचलित हैं, लेकिन भविष्य पुराण में वर्णित कथा सबसे प्रामाणिक है। रक्षाबंधन के पीछे व्रतराज में भी भविष्य पुराण की कथा का उल्लेख मिलता है।
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हिरण्यगर्भ दूधेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा!
पुराणों में हरनंदी के निकट हिरण्यगर्भ ज्योतिर्लिंग का वर्णन मिलता है। हरनंदी,हरनद अथवा हिरण्यदा ब्रह्मा जी की पुत्री है...
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श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति पौराणिक कथा
दारूका नाम की एक प्रसिद्ध राक्षसी थी, जो पार्वती जी से वरदान प्राप्त कर अहंकार में चूर रहती थी। उसका पति दरुका महान् बलशाली राक्षस था।...
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पुत्रदा / पवित्रा एकादशी व्रत कथा
अब आप मुझे श्रावण शुक्ल एकादशी का क्या नाम है? व्रत करने की विधि तथा इसका माहात्म्य कृपा करके कहिए। मधुसूदन कहने लगे कि इस एकादशी का नाम पुत्रदा एकादशी है।
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मंगला गौरी पौराणिक व्रत कथा: एक समय की बात है, एक शहर में धरमपाल नाम का एक व्यापारी रहता था। उसकी पत्नी काफी खूबसूरत थी...
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प्राचीन काल में एक सेठजी के सात पुत्र थे। सातों के विवाह हो चुके थे। सबसे छोटे पुत्र की पत्नी श्रेष्ठ चरित्र की विदूषी और सुशील थी, परंतु उसके भाई नहीं था, नाग पंचमी पौराणिक कथा..
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बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा
कोटि रुद्र संहिता के अनुसार कथा | कोटि रुद्र संहिता के अनुसार कथा | बैजू नामक चरवाहे की कथा | रावणोश्वर बैद्यनाथ कथा
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श्री त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा
एक बार सभी ऋषियों ने गौतम ऋषि पर गौहत्या का आरोप लगा दिया। सभी ने कहा कि इस हत्या के पाप के प्रायश्चित में देवी गंगा को यहाँ लेकर आना होगा।
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श्री भीमशंकर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा
भीमशंकर ज्योतिर्लिंग का वर्णन शिवपुराण में मिलता है। शिवपुराण में कहा गया है, कि पुराने समय में भीम नाम का एक राक्षस था। वह राक्षस कुंभकर्ण का पुत्र था।
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महा शिवरात्रि पूजन पौराणिक व्रत कथा
महाशिवरात्रि पूजन व्रत कथा के से जुड़ी एक रोचक पौराणिक कथा... एक बार चित्रभानु नामक एक शिकारी था। यही वह गुह था जिसके साथ भगवान् श्री राम ने मित्रता की थी।
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जो प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन पड़ता है वह प्रदोष भौम प्रदोष व्रत या मंगल प्रदोष व्रत कहलाता है। एक नगर में एक वृद्धा रहती थी। उसका एक ही पुत्र था..
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अब आप बहुत ध्यानपूर्वक इसे श्रवण कीजिए- श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम कामिका एकादशी है। इस एकादशी की कथा सुनने मात्र से ही वाजपेय यज्ञ के फल की प्राप्ति होती है।
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श्रावण संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा
संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। श्रावण के कृष्ण चतुर्थी की रात्रि में चंद्रोदय होने पर पूजन करना चाहिए।
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ऋषियों की आज्ञानुसार आषाढ़ के एक माह से दूसरे माह व्रत रखकर शिवजी का पूजन किया। जिससे प्रसन्न होकर शिवजी ने पार्वती के साथ विवाह कर लिया।..
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