ग्वालियर शहर मध्य प्रदेश का मध्य भारतीय राज्य है और अपने महल, पुराने मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें पवित्र जैन मूर्तियों के साथ प्राचीन ग्वालियर का किला भी शामिल है। यह शहर अपने राजसी इतिहास और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है। आइए जानते हैं मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में...
पहुआ वाली माता @Gwalior Madhya Pradesh
पहुआ-पहुआ अर्थात पैदल-पैदल जाते हुए भक्त यहाँ अल्प-विश्राम हेतु रुकते थे। आज यही कैला मैया को समर्पित मंदिर जनमानस के बीच पहुआ वाली माता के मंदिर के नाम से ही प्रसिद्द है।
ग्वालियर सूर्य मंदिर @Gwalior Madhya Pradesh
मंदिर का निर्माण इतिहास: इस मंदिर का निर्माण श्री घनश्याम दास जी बिरला की प्रेरणा से बसंत कुमार जी बिरला ने करवाया | सूर्य मंदिर का स्वरूप | मंदिर का गर्भगृह | सूर्य मंदिर का बाहरी स्वरूप | सूर्य मंदिर में अन्य मूर्तियाँ एवं मण्डपम्
गिरिराज धाम, ग्वालियर @Gwalior Madhya Pradesh
ग्वालियर में आनंद नगर के स्थानीय निवासियों की भगवान श्री कृष्ण के गिरिराज स्वरूप के प्रति आस्था का जीता जागता प्रमाण है श्री गिर्राज धाम और उसके चारों ओर फैली दिव्यता।
तेली का मंदिर @Gwalior Madhya Pradesh
मंदिर का निर्माण प्रतिहार राजा मिहिर भोज के शासनकाल में, तेल के व्यापारियों द्वारा दिए गए धन से हुआ था, इसलिए इस मंदिर को तेली का मंदिर कहते हैं।
गुरुद्वारा दाता बंदी छोर साहिब @Gwalior Madhya Pradesh
गुरुद्वारा श्री दाता बंदी छोर साहिब ग्वालियर में स्थित है, गुरुद्वारा ग्वालियर किले में श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी के कारावास और उनकी प्रसिद्ध रिहाई से जुड़ा है।
सास बहू मंदिर @Gwalior Madhya Pradesh
सास बहू का मंदिर ग्वालियर किले के पूर्व कोने में दो मंदिरों का समूह है, तथा सास बहू मंदिर के रूप में लोकप्रिय है। शाब्दिक अर्थ भी सास और बहू के मंदिर के रूप में सामान्य रूप से बड़ा व छोटा मंदिर से लिया जाता है।
दाँतरे मंदिर @Gwalior Madhya Pradesh
आज से लगभग 200 वर्ष पहिले भगवन शिव का श्री लोकेश्वरनाथ मन्दिर गंगा-मालनपुर गाँव में स्थापित किया गया था।
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