भगवान श्री राम ने रावण का वध कर युद्ध की समाप्ति कर माता सीता को रावन के चंगुल से छुड़ाया। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में जाना जाता है। दशमी तिथि को श्री राम द्वार विजय प्राप्ति के कारण ही इस पर्व को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। रामायण से पूर्व एक और घटना के अनुसार देवी दुर्गा ने युद्ध के उपरान्त इसी दिन महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी।
विजयादशमी से कुछ दिन पूर्व मेले तथा रामलीला का आयोजन प्रारंभ हो जाता है। विजयादशमी के दिन रावण का विशाल पुतला बनाकर भगवान श्री राम द्वारा उसका दहन किया जाता है। विजयदशमी, छः दिन चलने वाले दुर्गा पूजा पर्व का समापन दिवस होता है। कुछ एक स्थानों पर विजयदशमी के दिन शस्त्र पूजन का विधान भी है।
थी विजय दशमी यही जब राम ने दल साज कर ।
गिरि प्रवर्सन से चढ़ाई की थी लंका राज पर ॥
संबंधित अन्य नाम | दशहरा |
सुरुआत तिथि | अश्विन शुक्ल दशमी |
कारण | रावण का वध, असत्य पर सत्य की विजय। |
उत्सव विधि | रामलीला, रावण दहन, मेले, झांकियाँ, उपवास, भजन / कीर्तन, श्री राम मंदिर में प्रार्थना। |
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