Shri Krishna Bhajan
गूगल पर भक्ति भारत को अपना प्रीफ़र्ड सोर्स बनाएँ

मंत्र पुष्पांजलि - ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त (Mantra Pushpanjali)


मंत्र पुष्पांजलि - ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त
Add To Favorites Change Font Size
पुष्पांजलि का अर्थ है फूलों से भरी हुई अंजलि जो किसी देवता अथवा महापुरुष को अर्पित की जाती है।
धार्मिक अनुष्ठानों अर्थात हवन, पूजन, आरती, ग्रहप्रवेश, विवाह कर्म या अन्य पूजन से संबंधित कार्यों में देव शक्तियों को मंत्र पुष्पांजलि अर्पित की जाती है, मंत्र पुष्पांजलि के बाद ही धार्मिक पूजा के अनुष्ठान पूर्ण होने की मान्यता है।


प्रथम:
ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तनि धर्माणि प्रथमान्यासन् ।
ते ह नाकं महिमान: सचंत यत्र पूर्वे साध्या: संति देवा: ॥

द्वितीय:
ॐ राजाधिराजाय प्रसह्य साहिने।
नमो वयं वैश्रवणाय कुर्महे।
स मस कामान् काम कामाय मह्यं।
कामेश्र्वरो वैश्रवणो ददातु कुबेराय वैश्रवणाय।
महाराजाय नम: ।

तृतीय:
ॐ स्वस्ति, साम्राज्यं भौज्यं स्वाराज्यं
वैराज्यं पारमेष्ट्यं राज्यं महाराज्यमाधिपत्यमयं ।
समन्तपर्यायीस्यात् सार्वभौमः सार्वायुषः आन्तादापरार्धात् ।
पृथीव्यै समुद्रपर्यंताया एकरा‌ळ इति ॥

चतुर्थ:
ॐ तदप्येषः श्लोकोभिगीतो।
मरुतः परिवेष्टारो मरुतस्यावसन् गृहे।
आविक्षितस्य कामप्रेर्विश्वेदेवाः सभासद इति ॥
॥ मंत्रपुष्पांजली समर्पयामि ॥
यह भी जानें
हिन्दी भावार्थ

1) देवों ने यज्ञ के द्वारा यज्ञरुप प्रजापती का पूजन किया। यज्ञ और तत्सम उपासना के वे प्रारंभिक धर्मविधि थे। जहां पहले देवता निवास करते थे (स्वर्गलोक में) वह स्थान यज्ञाचरण द्वारा प्राप्त करके साधक महानता (गौरव) प्राप्त करते हैं।

2) हमारे लिए सब कुछ अनुकुल करने वाले राजाधिराज वैश्रवण कुबेर को हम वंदन करते हैं। वो कामनेश्वर कुबेर मुझ कामनार्थी की सारी कामनाओं को पूरा करें।

3) हमारा राज्य सर्व कल्याणकारी राज्य हो। हमारा राज्य सर्व उपभोग्य वस्तुओं से परिपूर्ण हो। यहां लोकराज्य हो। हमारा राज्य आसक्तिरहित, लोभरहित हो। ऐसे परमश्रेष्ठ महाराज्य पर हमारी अधिसत्ता हो। हमारा राज्य क्षितिज की सीमा तक सुरक्षित रहें। समुद्र तक फैली पृथ्वी पर हमारा दीर्घायु अखंड राज्य हो। हमारा राज्य सृष्टि के अंत तक सुरक्षित रहें।

4) राज्य के लिए और राज्य की कीर्ति गाने के लिए यह श्लोक गाया गया है। अविक्षित के पुत्र मरुती, जो राज्यसभा के सर्व सभासद है ऐसे मरुतगणों द्वारा परिवेष्टित किया गया यह राज्य हमें प्राप्त हो यहीं कामना।

Mantra Pushpanjali Sloka MantraPushpanjali Mantra

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

मंत्र ›

महामृत्युंजय मंत्र

मंत्र के 33 अक्षर हैं जो महर्षि वशिष्ठ के अनुसार 33 कोटि(प्रकार)देवताओं के द्योतक हैं।

शिव स्तुति: ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं

ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं, वन्दे जगत्कारणम् । वन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं..

शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र

॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥ नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।

मधुराष्टकम्: अधरं मधुरं वदनं मधुरं

अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं। हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं॥

अच्युतस्याष्टकम् - अच्युतं केशवं रामनारायणं

अच्युतं केशवं रामनारायण कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम् । श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकीनायकं रामचंद्रं भजे ॥..

सप्त चिरंजीवी - मंत्र

अश्वत्थामा बलिर्व्यासो हनुमांश्च विभीषणः । कृपः परशुरामश्च सप्तैते चिरंजीविनः ॥

श्री श्रीगुर्वष्टक

संसार - दावानल - लीढ - लोक - त्राणाय कारुण्य - घनाघनत्वम् । प्राप्तस्य कल्याण - गुणार्णवस्य वन्दे गुरोः श्रीचरणारविन्दम् ॥ 1

Shiv Chalisa - Shiv Chalisa
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP