Shri Hanuman Bhajan
Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti BhajanRam Bhajan - Ram BhajanAchyutam Keshavam - Achyutam KeshavamHanuman Chalisa - Hanuman Chalisa

ऋण मोचक मङ्गल स्तोत्रम् (Rin Mochan Mangal Stotram)


ऋण मोचक मङ्गल स्तोत्रम्
मंगल ग्रह को शक्ति, ऊर्जा, आत्मविश्वास और पराक्रम का स्वामी तथा नवग्रहों का सेनापति माना गया है। इनका प्रमुख रंग लाल तथा राशि मेष मानी गई है।
श्री मङ्गलाय नमः ॥
मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः ।
स्थिरासनो महाकयः सर्वकर्मविरोधकः ॥1॥

लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः ।
धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः॥2॥

अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः ।
व्रुष्टेः कर्ताऽपहर्ता च सर्वकामफलप्रदः॥3॥

एतानि कुजनामनि नित्यं यः श्रद्धया पठेत् ।
ऋणं न जायते तस्य धनं शीघ्रमवाप्नुयात् ॥4॥

धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम् ।
कुमारं शक्तिहस्तं च मङ्गलं प्रणमाम्यहम् ॥5॥

स्तोत्रमङ्गारकस्यैतत्पठनीयं सदा नृभिः ।
न तेषां भौमजा पीडा स्वल्पाऽपि भवति क्वचित् ॥6॥

अङ्गारक महाभाग भगवन्भक्तवत्सल ।
त्वां नमामि ममाशेषमृणमाशु विनाशय ॥7॥

ऋणरोगादिदारिद्रयं ये चान्ये ह्यपमृत्यवः ।
भयक्लेशमनस्तापा नश्यन्तु मम सर्वदा ॥8॥

अतिवक्त्र दुरारार्ध्य भोगमुक्त जितात्मनः ।
तुष्टो ददासि साम्राज्यं रुश्टो हरसि तत्ख्शणात् ॥9॥

विरिंचिशक्रविष्णूनां मनुष्याणां तु का कथा ।
तेन त्वं सर्वसत्त्वेन ग्रहराजो महाबलः ॥10॥

पुत्रान्देहि धनं देहि त्वामस्मि शरणं गतः ।
ऋणदारिद्रयदुःखेन शत्रूणां च भयात्ततः ॥11॥

एभिर्द्वादशभिः श्लोकैर्यः स्तौति च धरासुतम् ।
महतिं श्रियमाप्नोति ह्यपरो धनदो युवा ॥12॥

॥ इति श्री ऋणमोचक मङ्गलस्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥
Achyutam Keshavam - Achyutam Keshavam

Rin Mochan Mangal Stotram in English

Shri Mangalay Namah ॥ Mangalo Bhumiputrashch Rinharta Dhanpradah । Sthirasano Mahakayah Sarvakarmavirodhakah ॥
ऋण मोचक मङ्गल स्तोत्रम् - Rin Mochan Mangal Stotram

Mantra Rin Mochan MantraMangal Stotram MantraTuesday MantraMangal Dev MantraMangal Mantra

इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

वक्रतुण्ड महाकाय - गणेश मंत्र

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

नामावलि: श्री गणेश अष्टोत्तर नामावलि

श्री गणेश के 108 नाम और उनसे जुड़े मंत्र। गजानन- ॐ गजाननाय नमः। गणाध्यक्ष- ॐ गणाध्यक्षाय नमः...

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय - हनुमान मंत्र

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय । सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा ॥

संकट मोचन हनुमानाष्टक

बाल समय रवि भक्षी लियो तब।.. लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।...

हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम - मंत्र

हनुमान जी के 12 नाम | हनुमान द्वादश नाम | हनुमानद्वादशनाम स्तोत्र | Hanumaan 12 naam |

श्री हनुमान स्तवन - श्रीहनुमन्नमस्कारः

प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ज्ञानघन ।.. गोष्पदी कृत वारीशं मशकी कृत राक्षसम् ।..

श्री बगला अष्टकम

॥ श्री बगलाष्टक ॥ पीत सुधा सागर में विराजत, पीत-श्रृंगार रचाई भवानी ।..

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
×
Search