Haanuman Bhajan
गूगल पर भक्ति भारत को अपना प्रीफ़र्ड सोर्स बनाएँ

श्री विज्ञ राजं भजे - गणेश मंत्र (Sri Vighnarajam Bhaje)


श्री विज्ञ राजं भजे - गणेश मंत्र
पल्लवि
श्री विज्ञ राजं भजे - भजेहम् भजेहम्
भजेहम् भजे - तमिह
अनुपल्लवि
सन्ततमहम् कुन्जरमुहम्
शन्करसुतम् - तमिह
सन्ततमहम् दन्ति सुन्दर मुखम्
अन्तकान्तक सुतम् - सिव
शन्करि सुतम् - तमिह

चरणम् 1
सेवित सुरेन्द्र महनीय गुणशीलम्
जपत समादि सुख वरद - अनुकूलम्
भावित सुरमणि गन भक्त परिपालम्
भयन्कर विशन्ग मातन्ग कुलकालम्

चरणम् 2
कनक केयूर हारावलि कलित
गम्भीर गौरगिरि शोभम् सुशोभम्
कामादि भय भरित मूड मद
कलिकलुश कन्तित मखन्ड प्रतापम् - प्रतापम्
सनक सुख नारद पदन्जलि पराच्हर
मतन्ग मुनिसन्ग सल्लापम् - सल्लापम्
सत्य पर मब्ज नयनप्रमुद मुक्तिकर
तत्वमसि नित्य निगमादि स्वरूपम्

Sri Vighnarajam Bhaje in English

Shri Vigyan Rajan Bhaje - Bhajeham Bhajeham, Bhajehum Bhaje - Tamih, Santatmaham Kunjarmuham..
यह भी जानें

Mantra Shri Ganesh MantraShri Vinayak MantraGanpati MantraGanpati Bappa MantraGaneshotsav MantraGajanan MantraGanesh Chaturthi Mantra

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

मंत्र ›

संकट मोचन हनुमानाष्टक

बाल समय रवि भक्षी लियो तब।.. लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।...

आदित्य-हृदय स्तोत्र

ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्टवा युद्धाय समुपस्थितम् ॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् ।

हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम - मंत्र

हनुमान जी के 12 नाम | हनुमान द्वादश नाम | हनुमानद्वादशनाम स्तोत्र | Hanumaan 12 naam |

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय - हनुमान मंत्र

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय । सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा ॥

श्री दुर्गा अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम्

ईश्वर उवाच | शतनाम प्रवक्ष्यामि श्रृणुष्व कमलानने । यस्य प्रसादमात्रेण दुर्गा प्रीता भवेत् सती ॥

महामृत्युंजय मंत्र

मंत्र के 33 अक्षर हैं जो महर्षि वशिष्ठ के अनुसार 33 कोटि(प्रकार)देवताओं के द्योतक हैं।

शिव स्तुति: ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं

ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं, वन्दे जगत्कारणम् । वन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं..

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Bhakti Bharat APP