माता पिता की सेवा ही सिद्धि प्राप्ति - प्रेरक कहानी
महर्षि पिप्पल बड़े ज्ञानी और तपस्वी थे। उन की कीर्ति दूर दूर तक फैली हुई थीं एक दिन सारस और सारसी दोनों जल में खड़े आपस में बातें कर रहे थे...
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कुछ अच्छाइयां.. ऐसी भी.. जिनका कोई और साक्षी ना हो - प्रेरक कहानी
मैं पैदल घर आ रहा था। रास्ते में एक बिजली के खंभे पर एक कागज लगा हुआ था। पास जाकर देखा, लिखा था: कृपया पढ़ें...
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विद्वत्ता पर कभी घमंड न करें - प्रेरक कहानी
महाकवि कालिदास रास्ते में थे। प्यास लगी। वहां एक पनिहारिन पानी भर रही थी।
कालिदास बोले: माते! पानी पिला दीजिए बङा पुण्य होगा।
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बुरी परिस्थिति में भी अपनी उम्मीद ना छोड़े - प्रेरक कहानी
एक बार एक व्यक्ति रेगिस्तान में कहीं भटक गया। उसके पास खाने-पीने की जो थोड़ी बहुत चीजें थीं, वो जल्द ही ख़त्म हो गयीं थीं। पिछले दो दिनों से वह पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहा था।
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अंध-अनुसरण कैसे पनपता है?- प्रेरक कहानी
इंस्पेक्शन के दौरान उन्होंने देखा कि कैम्प एरिया के मैदान में दो सिपाही एक बैंच की पहरेदारी कर रहे हैं।..
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महात्मा की समझ से लौटी सेना? - प्रेरक कहानी
महात्मा जी ने झोले से सिक्का निकाला और राजा की हथेली पर उसे रखते हुए कहा, हे नरेश, तुम्हारा राज्य धन-धान्य से संपन्न है।
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व्यवहार की सुंदरता पर ध्यान दें - प्रेरक कहानी
आप मुम्बई मेँ जुहू चौपाटी पर चल रहे हैं और सामने से एक सुन्दर लडकी आ रही है, तो आप क्या करोगे?
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परमात्मा या भौतिक सांसारिक प्राप्ति? - प्रेरक कहानी
भगवन् मेरे पास आपका दिया सब कुछ है। फिर भी मेरी एक ईच्छा हॆ कि जैसे आपने मुझे दर्शन देकर धन्य किया, वैसे ही मेरी सारी प्रजा को भी दर्शन दीजिये।...
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स्वयं के धर्म की चिंता - प्रेरक कहानी
एक आदमी तालाब के किनारे बैठ कर कुछ सोच रहा था। तभी उसने एक पानी में किसी के डूबने की आवाज सुनी और उसने तालाब की तरफ देखा तो उसे एक बिच्छू तालाब में डूबता दिखाई दिया।
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बांटने के लिए ईश्वर ने तुम्हें बहुत कुछ दिया है - प्रेरक कहानी
ईश्वर ने जिसको ये तीन चीजें दी हैं वह कभी गरीब और निर्धन हो ही नहीं सकता। निर्धनता का विचार आदमी के मन में होता है, यह तो एक भ्रम है इसे निकाल दो।
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सबसे बड़ा पुण्य क्या है? - प्रेरक कहानी
क राजा बहुत बड़ा प्रजापालक था, हमेशा प्रजा के हित में प्रयत्नशील रहता था। वह इतना कर्मठ था कि अपना सुख, ऐशो-आराम सब छोड़कर सारा समय जन-कल्याण में ही लगा देता था।
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ईश्वर से सम्पर्क करने का नम्बर - प्रेरक कहानी
एक पुजारी और नाई दोनों मित्र थे। एक बार नाई पुजारी से कहता है - ईश्वर ऐसा क्यों करता है? वैसा क्यों करता है? | ईश्वर से सम्पर्क करने का नम्बर, Number To Contact GOD
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बहरूपियों से हमेशा सतर्क एवं सावधान रहें - प्रेरक कहानी
अचानक उसने अपने वस्त्र के अंदर से तीर कमान निकाला और झट से कबूतर को मार दिया।..
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ऋण तो चुकाना ही होगा - प्रेरक कहानी
भाई ! तुम उधार कब लौटाओगे ? इस जन्म में या फिर अगले जन्म में ?
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भेष बदलने से स्वभाव नहीं बदलता - प्रेरक कहानी
बात द्वापरयुग की है। अज्ञातवास में पांडव रूप बदलकर ब्रह्मणों के वेश में रह रहे थे। एक दिन उन्हें कुछ ब्राह्मण मिले...
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