Shri Krishna Bhajan

अच्छे को अच्छे एवं बुरे को बुरे लोग मिलते हैं - प्रेरक कहानी (Acche Ko Acche Evan Bure Ko Bure Log Milate Hain)


Add To Favorites Change Font Size
बहुत समय पहले की बात है। एक बार एक गुरु जी गंगा किनारे स्थित किसी गाँव में अपने शिष्यों के साथ स्नान कर रहे थे ।
तभी एक राहगीर आया और उनसे पूछा: महाराज! इस गाँव में कैसे लोग रहते हैं, दरअसल मैं अपने मौजूदा निवास स्थान से कहीं और जाना चाहता हूँ?

गुरु जी बोले: जहाँ तुम अभी रहते हो वहां किस प्रकार के लोग रहते हैं ?
राहगीर बोला: मत पूछिए महाराज, वहां तो एक से एक कपटी, दुष्ट और बुरे लोग बसे हुए हैं।
गुरु जी बोले: इस गाँव में भी बिल्कुल उसी तरह के लोग रहते हैं... कपटी, दुष्ट, बुरे... और इतना सुनकर राहगीर आगे बढ़ गया।

कुछ समय बाद एक दूसरा राहगीर वहां से गुजरा।
उसने भी गुरु जी से वही प्रश्न पूछा: मुझे किसी नयी जगह जाना है, क्या आप बता सकते हैं कि इस गाँव में कैसे लोग रहते हैं?

गुरु जी ने इस राहगीर से भी वही प्रश्न पूछा: जहाँ तुम अभी निवास करते हो वहां किस प्रकार के लोग रहते हैं?
राहगीर बोला: जी वहां तो बड़े सभ्य, सुलझे और अच्छे लोग रहते हैं।
तुम्हे बिल्कुल उसी प्रकार के लोग यहाँ भी मिलेंगे...सभ्य, सुलझे और अच्छे..., गुरु जी ने अपनी बात पूर्ण की और दैनिक कार्यों में लग गए।

पर उनके शिष्य ये सब देख रहे थे और राहगीर के जाते ही
उन्होंने पूछा: क्षमा कीजियेगा गुरु जी पर आपने दोनों राहगीरों को एक ही स्थान के बारे में अलग-अलग बातें क्यों बतायी।

गुरु जी गंभीरता से बोले: शिष्यों आमतौर पर हम चीजों को वैसे नहीं दखते जैसी वे हैं, बल्कि उन्हें हम ऐसे देखते हैं जैसे कि हम खुद हैं। हर जगह हर प्रकार के लोग होते हैं यह हम पर निर्भर करता है कि हम किस तरह के लोगों को देखना चाहते हैं।

शिष्य उनके बात समझ चुके थे और आगे से उन्होंने जीवन में सिर्फ अच्छाइयों पर ही ध्यान केन्द्रित करने का निश्चय किया।
यह भी जानें

Prerak-kahani Guru Prerak-kahaniGuru Shishya Prerak-kahaniGoodness Of Person Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

शिशु प्रेम लेकर तो आता है - प्रेरक कहानी

भाषा के शब्द भी प्रतीक हैं, हाव-भाव या चित्र भी प्रतीक हैं। किस चीज के प्रतीक? ऑडियो-विजुअल माध्यमों (पुस्तकों, प्रवचनों, चित्रों या चलचित्रों) द्वारा हम जो कुछ भी सिखाते हैं..

छोटी सी गौरैया का श्रीकृष्ण पर विश्वास - प्रेरक कहानी

भगवन बोले: अपने घोंसले में तीन सप्ताह के लिए भोजन का संग्रह करो। आइये हम भी तब तक इस घंटी के नीचे विश्राम करे जब तक ये हमारे लिए उठाई ना जाये...

आचरण बड़ा या ज्ञान? - प्रेरक कहानी

राजपुरोहित ने फिर से रत्न चुरा लिए। बात राजा तक पहुंचीं और राजा ने जांच कराई, तथा राजपुरोहित की सच्चाई सामने आईं।..

देवशिशु ने जगायी सदबुद्धि - प्रेरक कहानी

यह घटना १९९० की है, जब मैं परम वन्दनीया माताजी से दीक्षा लेकर पहली बार नवरात्रि अनुष्ठान में था। इससे पहले कि मैं घटना का जिक्र करूँ...

अहंकार के कारण जीवन से ही गया - प्रेरक कहानी

बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक मूर्तिकार रहता था। वह ऐसी मूर्तियाँ बनाता था, जिन्हें देख कर हर किसी को मूर्तियों के जीवित होने का भ्रम हो जाता था। बेजान मूर्तियाँ बोला नहीं करती..

मृत्यु एक अटल सत्य हैं - प्रेरक कहानी

कृष्ण ने कहा: तुम्हे! किसी एक घर से मुट्ठी भर ज्वार लानी होगी और ध्यान रखना होगा कि उस परिवार में कभी किसी की मृत्यु न हुई हो..

जब भगवन ने मुझे गोदी उठाया - प्रेरक कहानी

जन्म से ठीक पहले एक बालक भगवान से कहता है- प्रभु आप मुझे नया जन्म मत दीजिये, मुझे पता है पृथ्वी पर बहुत बुरे लोग रहते है

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Bhakti Bharat APP