Haanuman Bhajan

बुजुर्गों का अनुभव हमें हर पल सिखाता है - प्रेरक कहानी (Bujurgon Ka Anubhav Hamen Har Pal Sikhata Hai)


Add To Favorites Change Font Size
एक युवा युगल के पड़ोस में एक वरिष्ठ नागरिक युगल रहते थे, जिनमे पति की आयु लगभग अस्सी वर्ष थी, और पत्नी की आयु उनसे लगभग पांच वर्ष कम थी।
युवा युगल उन वरिष्ठ युगल से बहुत अधिक लगाव रखते थे, और उन्हें दादा दादी की तरह सम्मान देते थे। इसलिए हर रविवार को वो उनके घर उनके स्वास्थ्य आदि की जानकारी लेने और कॉफी पीने जाते थे।

युवा युगल ने देखा कि हर बार दादी जी जब कॉफ़ी बनाने रसोईघर में जाती थी तो कॉफ़ी की शीशी के ढक्कन को दादा जी से खुलवाती थी।

इस बात का संज्ञान लेकर युवा पुरुष ने एक ढक्कन खोलने के यंत्र को लाकर दादी जी को उपहार स्वरूप दिया ताकि उन्हें कॉफी की शीशी के ढक्कन को खोलने की सुविधा हो सके।

उस युवा पुरुष ने ये उपहार देते वक्त इस बात की सावधानी बरती की दादा जी को इस उपहार का पता न चले ! उस यंत्र के प्रयोग की विधि भी दादी जी को अच्छी तरह समझा दी।

उसके अगले रविवार जब वो युवा युगल उन वरिष्ठ नागरिक के घर गया तो वो ये देख के आश्चर्य में रह गया कि दादी जी उस दिन भी कॉफी की शीशी के ढक्कन को खुलवाने के लिए दादा जी के पास लायी।
युवा युगल ये सोचने लगे कि शायद दादी जी उस यंत्र का प्रयोग करना भूल गयी या वो यंत्र काम नही कर रहा !

जब उन्हें एकांत में अवसर मिला तो उन्होंने दादी जी से उस यंत्र के प्रयोग न करने का कारण पूछा। दादी जी के उत्तर ने उन्हें निशब्द कर दिया।

दादी जी ने कहा: ओह! कॉफी की शीशी के ढक्कन को मैं स्वयं भी अपने हाथ से, बिना उस यंत्र के प्रयोग के आसानी से खोल सकती हूँ, पर मैं कॉफी की शीशी का ढक्कन उनसे इसलिए खुलवाती हूँ कि उन्हें ये अहसास रहे कि आज भी वो मुझसे ज्यादा मजबूत हैं। और मैं उन्हीं पर आश्रित हूँ, इसीलिए वे हमारे घर के पुरुष हैं।

इस बात से मुझे भी ये लाभ मिलता है कि मैं ये महसूस करती हूँ कि मैं आज भी उन पर निर्भर हूँ, और वो मेरे लिए आज भी बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। यही बात हम दोनों के स्नेह के बंधन को शक्ति प्रदान करती है।

किसी भी युगल की एकजुटता ही उनके सम्बन्ध की बुनियाद होती है। अब हम दोनों के पास अधिक आयु नही बची है, इसलिए हमारी एकजुटता हम दोनों के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।

उस युवा युगल को एक बहुत ही महत्वपूर्ण सीख मिली। वरिष्ठ नागरिक चाहे घर में किसी भी प्रकार की आमदनी का कोई सहयोग ना दे रहे हों, पर उनके अनुभव हमें पल पल महत्वपूर्ण सीख देते रहते हैं।
यह भी जानें

Prerak-kahani Old Man Prerak-kahaniVraddh Yugal Prerak-kahaniFamily Prerak-kahaniSenior Citizen Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

जीवन के बाद का प्रकृति नियम - प्रेरक कहानी

एक बार नारद जी ने भगवान से प्रश्न किया कि प्रभु आपके भक्त गरीब क्यों होते हैं?

सत्संग के महत्व - प्रेरक कहानी

मैं काफी दिनों से आपके सत्संग सुन रहा हूं, किंतु यहां से जाने के बाद मैं अपने गृहस्थ जीवन में वैसा सदाचरण नहीं कर पाता, जैसा यहां से सुनकर जाता हूं।

मानव धर्म ही सर्वोपरि - प्रेरक कहानी

एक विदेशी को अपराधी समझ जब राजा ने फांसी का हुक्म सुनाया तो उसने अपशब्द कहते हुए राजा के विनाश की कामना की।...

जब चंदन का बाग बना कोयला? - प्रेरक कहानी

एक राजा जो बहुत परोपकारी थे, उनके पास बहुत ही सुन्दर और विशाल चन्दन का बाग था जिससे हर वर्ष उनको सहस्त्रों रूपये का चन्दन अन्य देशावरों को जाता जिससे तेल और इत्र तैयार किये जाते थे..

दुर्लभ मनुष्य जीवन - प्रेरक कहानी

फिर उसने अपनी जेब में हाथ डाल कुछ सौ-सौ के नोट गिने। सामान्य कटोरे की भाँति समझ कर कौड़ियां इक्कट्ठे करने में लगे हुए हैं।..

सन्त की दूरदर्शिता - प्रेरक कहानी

एक सन्त के पास 30 सेवक रहते थे। एक सेवक ने गुरुजी के आगे प्रार्थना की - महाराज जी! मेरी बहन की शादी है तो आज एक महीना रह गया है तो मैं दस दिन के लिए वहाँ जाऊँगा। गुरु की महिमा गुरु ही जाने।

मैं तो केवल भेष से साधू हूँ - प्रेरक कहानी

एक साधु देश में यात्रा के लिए पैदल निकला हुआ था। एक बार रात हो जाने पर वह एक गाँव में आनंद नाम के व्यक्ति के दरवाजे पर रुका। आनंद ने साधू की खूब सेवा की। दूसरे दिन आनंद ने बहुत सारे उपहार देकर साधू को विदा किया।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Bhakti Bharat APP