Shri Ram Bhajan

क्या कठिन परिस्थितियों या हालातों पर रोना चाहिए? (Kya Kathin Paristhitiyon Ya Halaton Par Rona Chahie?)


Add To Favorites Change Font Size
एक दिन की बात है एक चिड़िया आकाश में अपनी उड़ान भर रही होती है। रास्ते में उसे गरुड़ मिल जाता है। गरुड़ उस चिड़िया को खाने को दौड़ता है। चिड़िया उससे अपनी जान की भीख मांगती है। लेकिन गरुड़ उस पर रहम करने को तैयार नहीं होता। तब चिड़िया उसे बताती है कि मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं और उनके लालन-पालन के लिए मेरा जीवित रहना जरूरी है। तब गरुड़ इस पर चिड़िया के सामने एक शर्त रखता है कि मेरे साथ दौड़ लगाओ और अगर तुमने मुझे हरा दिया तो मैं तुम्हारी जान बख्श दूंगा और तुम्हें यहां से जाने दूंगा।
जब चिड़िया ने लगाई गरुड़ जी से दौड़
गरुड़ इस बात को जानता था कि चिड़िया का उसे दौड़ में हराना असंभव है। इसलिए उसके सामने इतनी कठिन शर्त रख देता है। चिड़िया के पास इस दौड़ के लिए हां करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता। लेकिन चिड़िया को इस बात का अंदाजा था कि गरुड़ को दौड़ में हराना नामुमकिन है लेकिन फिर बी वह इस दौड़ के लिए हां कर देती है। पर वह गरुड़ से कहती है कि जब तक ये दौड़ ख़त्म नहीं होता वह उसे नहीं मरेगा। गरुड़ इस बात पर राजी हो जाता है।

दौड़ शुरू होती है चिड़िया फट से जाकर गरुड़ के सिर पर बैठ जाती है और जैसे ही गरुड़ दौड़ के आखिरी स्थान पर पहुंचता है चिड़िया फट से उड़ कर लाइन के पार पहुंच जाती ही और जीत जाती है। गरुड़ उसकी चतुरता से प्रसन्न हो जाता है और उसको जिंदा छोड़ देता है। चिड़िया तुरंत ही वहां से उड़ जाती है और अपने रास्ते चल देती है।

कठिन परिस्थितियों में हालातों पर रोना नहीं चाहिए बल्कि समझदारी और चतुरता के साथ मुसीबत का सामना करना चाहिए। विरोधी या कार्य आपकी क्षमता से ज्यादा मजबूत हो तो इसका मतलब यह नहीं कि आप पहले से ही हार मान कर बैठ जाएं बल्कि समझदारी और धैर्य से बैठ कर समस्या का समाधान ढूढ़ना चाहिए। अअपने ऊपर एवं अपने प्रभु पर विश्वास रखना चाहिए, अगर प्रभु चाहें तो कोई भी किसी भी हालत में जीत सकते है।
यह भी जानें

Prerak-kahani Garun Dev Prerak-kahaniChoti Chiriya Prerak-kahaniBird Prerak-kahaniMrityu Prerak-kahaniDeath Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

सच्चे देशभक्त की निष्ठा - प्रेरक कहानी

गुलजारीलाल नंदा को मकान मालिक ने किराया न दे पाने पर किराए के मकान से निकाल दिया। बूढ़े के पास एक पुराना बिस्तर, कुछ एल्युमीनियम के बर्तन, एक प्लास्टिक की बाल्टी और एक मग आदि के अलावा शायद ही कोई सामान था।

दो पैसे के काम के लिए तीस साल की बलि - प्रेरक कहानी

स्वामी विवेकानंद एक बार कहीं जा रहे थे। रास्ते में नदी पड़ी तो वे वहीं रुक गए क्योंकि नदी पार कराने वाली नाव कहीं गई हुई थी।...

भगवन को आपकी एक सुई की भी चिंता है - प्रेरक कहानी

एक गांव में कृष्णा बाई नाम की बुढ़िया रहती थी वह भगवान श्रीकृष्ण की परमभक्त थी। वह एक झोपड़ी में रहती थी।

शांति कहाँ मिलेगी - प्रेरक कहानी

एक समय कि बात है, भगवान विष्णु सभी जीवों को कुछ न कुछ चीजें भेट कर रहे थे। सभी जीव भेंट स्वीकार करते और खुशी-खुशी अपने निवास स्थान के लिए प्रस्थान करते।

...हम माँग नही पाते प्रभु से - प्रेरक कहानी

एक बार किसी देश का राजा अपनी प्रजा का हाल-चाल पूछने के लिए गांवो में घूम रहा था। घूमते-घूमते उसके कुर्ते का बटन टूट गया...

मैं सावंरे की कुदरत से हैरान हूँ - प्रेरक कहानी

वृंदावन शहर में एक वैघ थे, जिनका मकान भी बहुत पुराना था। वैघ साहब अपनी पत्नी को कहते कि जो तुम्हें चाहिए एक चिठ्ठी में लिख दो दुकान पर आकर पहले वह चिठ्ठी खोलते।

राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न भाइयों का प्यार

राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न चारों भाइयों के बचपन का एक प्रसंग है! जब ये लोग खेलते थे तो लक्ष्मण राम की तरफ उनके पीछे होता था..

Aditya Hridaya Stotra - Aditya Hridaya Stotra
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP