आरती कुंजबिहारी कीआरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥ गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला...आरती के लिरिक्स हरिहरन ने गाये हैं..
खाटू श्याम आरतीॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय जगदीश हरे आरतीॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे। भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥