आओ बालाजी, आओं बालाजी: भजन (Aao Balaji Aao Balaji)


आओ बालाजी,
आओं बालाजी,
दर्शन को प्यासे हैं नैना,
दर्श दिखाओ जी,
आओं बालाजी आओं बालाजी ॥
निशदिन गुणगान करूँ,
तेरा ही ध्यान धरूँ,
गिरूं सौ बार मगर,
नज़रों से ना तेरे गिरूं,
जीवन मेरा सफल बनाओ,
झलक दिखाओ जी,
दर्शन को प्यासे हैं नैना,
दर्श दिखाओ जी,
आओं बालाजी आओं बालाजी ॥

सालासर तेरा है,
मेहंदीपुर तेरा है,
जहाँ हर कण कण में,
तेरा ही बसेरा है,
मेरे मन के मंदिर में भी,
धाम बनाओ जी,
दर्शन को प्यासे हैं नैना,
दर्श दिखाओ जी,
आओं बालाजी आओं बालाजी ॥

ज्ञान के सागर हो,
सियाराम के चाकर हो,
हो किनारा तुम ही प्रभु,
तुम ही भव सागर हो,
‘राशि’ की अर्ज़ी स्वीकारो,
लाज बचाओ जी,
दर्शन को प्यासे हैं नैना,
दर्श दिखाओ जी,
आओं बालाजी आओं बालाजी ॥

आओ बालाजी,
आओं बालाजी,
दर्शन को प्यासे हैं नैना,
दर्श दिखाओ जी,
आओं बालाजी आओं बालाजी ॥
Aao Balaji Aao Balaji - Read in English
Aao Balaji, Aao Balaji, Darshan Ke Pyase Hai Naina, Darsh Dikhao Ji, Aao Balaji Aao Balaji ॥
Bhajan Hanuman BhajanBalaji BhajanBajrangbali BhajanHanuman Janmotsav BhajanHanuman Jyanti BhajanMangalwar BhajanTuesday BhajanHanuman Path BhajanSundar Kand Path Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

घुमा दें मोरछड़ी - भजन

हीरा मोत्या जड़ी जड़ी, संकट काटे खड़ी खड़ी, मेरे सर पे बाबा, घुमा दे मोरछड़ी..

मेरे श्याम धणी की मोरछड़ी: भजन

मेरे श्याम धणी की मोरछड़ी, पल भर में जादू कर जाएगी, गर फिर गई तेरे सर पे तो, गर फिर गई तेरे सर पे तो, हर बिगड़ी बात सवर जाएगी, मेरे श्याम धनि की मोरछड़ी, पल भर में जादू कर जाएगी ॥

सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया - भजन

सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया। दिल दीवाना हो गया...

श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है - भजन

श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है। गोपाला हरी का प्यारा नाम है...

खाटू कितनी दूर: भजन

माये नी मेरीये, बाबे दी गलियाँ, खाटू कितनी दूर, जयपुर नि वसना, रिंगस नि वसना, खाटू तो जाणा जरुर, माये नी मेरीये, बाबे दी गलियाँ, खाटु कितनी क दूर ॥