कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि - भजन (Ki Ban Gaye Nandlal Lilihari)


कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,
री लीला गुदवाय लो प्यारी ।दृगन पै लिख दे दीनदयाल
नासिका पै लिख दे नन्दलाल
कपोलन पै लिख दे गोपाल
माथे लिख दे, मोहन लाल
श्रवनन पै लिख सांवरो, अधरन आनंदकंद,
ठोड़ी पै ठाकुर लिखो, गले में गोकुलचन्द ।
छाती पै लिख छैल, बाँहन पै लिख दे बनवारी ।
कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,
री लीला गुदवाय लो प्यारी ।

हाथन पै हलधर जी को भईया लिख ,
संग संग तू आनंद-करैया लिख
उंगरिन पै प्यारो कृष्ण कन्हैया लिख
कहूं कहूं वृन्दावन बंसी को बजैया लिख
पेट पै लिख दे परमानन्द
नाभि पै लिख दे तू नन्दनन्द
पिण्डरी पै लिख दे घनश्याम
चरण पै चितचोर को नाम
रोम-रोम में लिख दे मेरो सांवरो गिरिधारी ।
कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,
री लीला गुदवाय लो प्यारी ।

सखी देखत सब रह गयी कौन प्रेम को फंद
बिसे बिस कोई और नहीं ये छलिया ढोटा नन्द
अंगिया में देखि कसी मुरली परम रसाल
प्यारो प्यारो कह कह हिय लायो नंदलाल ।
कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,
री लीला गुदवाय लो प्यारी ।
बन गए नन्दलाल लिलिहारि,
के लीला गुदवा लो प्यारी ।
गुदवा लो प्यारी, के लीला गुदवा लो प्यारी
बन गए नन्दलाल ।

लहँगा पहन, ओढ़ी सिर साड़ी,
अँगिया पक्की जरी किनारी
शीश पे शीशफूल बैना,
लगाय लिया काजल दोऊ नैना
पहन लिया नख-शिख सों गहना ।
बलिहारी नंदनंदन की, बन गए नर से नार।
बलिहारी नंदनंदन की, बन गए
बन गए नर से नार, के झोली कंधा पे डारी ।
बन गए श्यामसुंदर लिलिहारि,
के लीला गुदवा लो प्यारी ।

डाल झोली को कृष्ण मुरार,
गुदाय लेओ लीला कहें पुकार।
लीला कहें पुकार, गुदाय लेओ लीला कहें पुकार ।
कहन लगीं लिलिहारि से,
के लिखियो खूब सँभार ।
लिखियो खूब सँभार,
कसर कुछ रह न जाए प्यारी,
बन गए श्यामसुंदर लिलिहार,
के लीला गुदवा लो प्यारी ।

शीश पे लिख दे श्री गिरिधारी,
माथे पे लिख दे, मदन मुरारी।
दृगन पे लिख दे दीनदयाल
नासिका पे लिख दे नन्दलाल
कपोलन पे लिख कृष्ण गुपाल।
ठोड़ी पे ठाकुर लिखो और गले पे गोपीचन्द ।
छाती पे लिख छैल,
दोऊ बाँहन पे बनवारी ।
बन गए श्यामसुंदर लिलिहारि,
के लीला गुदवा लो प्यारी।

हाथन पे हलधर जी को भईया,
उंगरिन पे आनंद-करइया।
पेट पे लिख दे परमानन्द
नाभि पे लिख दे तू नन्दनन्द
जाँघ पे लिख दे जय गोविन्द।
चरणों में चितचोर लिख,
नखों पे नन्द का लाल ।
रोम-रोम में लिखो रमापति राधा बनवारी ।
बन गए श्यामसुंदर लिलिहारि,
के लीला गुदवा लो प्यारी।

लीला गोद प्रेम जब आया,
तन-मन का प्रभु होश गँवाया ।
खबर झोली-डांडा की नाँय
धरणि पर चरण नहीं ठहराँय
सखी सब देखत ही रह जाँय ।
बिच में छिपा दीखे सखी,
छलिया यह ढोटा नन्द का ।
चोली में बंसी छिप रही,
राधे ने ली है निहार के।
प्यारी ने प्यारे जब लखे,
भेंटे हैं भुजा पसार के।
प्रभु चरण–कमल पे जाऊँ बलिहारी ।
बन गए श्यामसुंदर लिलिहारि,
के लीला गुदवा लो प्यारी।
Bhajan Shri Krishna BhajanBrij BhajanBaal Krishna BhajanBhagwat BhajanJanmashtami BhajanLaddu Gopal BhajanRadhashtami BhajanHoli BhajanPhalguna BhajanIskcon Bhajan

अन्य प्रसिद्ध कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि - भजन वीडियो

Bankey Bihari Music

Ram Avatar Sharma

अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

जय जय गणराज मनाऊँ: भजन

जय जय गणराज मनाऊँ, चरणों में शीश नवाऊं, जब तक सांसे हैं तन में, तेरा ही ध्यान लगाऊं, गजानन्द जी हमारे घर आओ, बुलाते है चले आओ ॥

मोरे गणपति गणेश करों किरपा: भजन

मोरे गणपति गणेश करों किरपा, मोरे राजा महाराजा करो किरपा, किरपा करो महाराज गजानन, माँ गौरा के लाल,
गजानन किरपा, मोरे गणपति गणेश करों किरपा मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥

गिरिजा के छैया, गणपति तुम्हे पुकारूँ: भजन

गिरिजा के छैया, गणपति तुम्हे पुकारूँ, पूजूं मैं तुम्हे, आरती तेरी उतारूँ, गिरिजा के छैंया ॥

गौरी के लाला हो, मेरे घर आ जाना: भजन

गौरी के लाला हो, मेरे घर आ जाना, घर आँगन की ओ देवा, शोभा बढ़ा जाना, गौरी के लाला हों, मेरे घर आ जाना ॥

गजानन आ जाओ एक बार: भजन

गजानन आ जाओ एक बार, सभा में तुम्हें बुलाते है ॥