कोलकाता का दुर्गा पूजा समारोह (Durga Puja Celebration in Kolkata)

कोलकाता में दुर्गा पूजा उत्सव का माहौल कुछ अलग ही होता है। यहाँ की दुर्गा पूजा विश्व प्रसिद्ध है और इसे 2021 में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की यूनेस्को की प्रतिनिधि सूची में भी शामिल किया गया था। हर साल, कोलकाता दुर्गा पूजा पंडालों में एक नई थीम लाता है, जो अपने तरीके से अद्वितीय और अभिनव हैं।
कोलकाता का दुर्गा पूजा उत्सव कैसे मनाया जाता है?
दुर्गा पूजा का त्योहार इस साल 20 अक्टूबर से मनाया जाएगा और 24 अक्टूबर तक चलेगा। इसकी शुरुआत महालया से होती है, जिसमें 'प्राण प्रतिष्ठा' की रस्म होती है। षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी अन्य शुभ दिन हैं जिनका अपना महत्व और अनुष्ठान है। उत्सव का समापन विजया दशमी के दिन होता है जब मूर्तियों को नदियों में विसर्जित किया जाता है। दुर्गा पूजा उत्सव में महिलाएं पारंपरिक बंगाली 'धुनुची' नृत्य करती हैं। कोविड महामारी के बाद, सिटी ऑफ जॉय कोलकाता आखिरकार एक बार फिर से सबसे बड़े उत्सव की मेजबानी करने के लिए बहुत उत्साहित है।

नवरात्रि के छठे दिन यानी कोलकाता में दुर्गा पूजा का पहले दिन; भव्य रूप से सजाए गए मूर्तियों को सार्वजनिक पंडालों में रखा जाता है। फिर मूर्ति को फूलों, कपड़ों, गहनों, लाल सिंदूर से सजाया जाता है। राज्य भर में हर साल लगभग 37,000 सामुदायिक पूजा का आयोजन किया जाता है। इनमें से करीब 2,500 कोलकाता में आयोजित किए जाते हैं।

दुर्गा पूजा के इन 10 दिनों में कोलकाता शहर सोता नहीं है। यह सिर्फ एक त्योहार नहीं है बल्कि पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए एक भावना है। कोलकाता के लोग त्योहार से महीनों पहले तैयार हो जाते हैं और पूरे साल शहर के सबसे खुशी के दिनों का इंतजार करते हैं।
Durga Puja Celebration in Kolkata - Read in English
The atmosphere of Durga Puja festival in Kolkata is different. Every year Kolkata brings a new theme to the Durga Puja pandals, which are unique and innovative in their own way.
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