🐚पौष पुत्रदा एकादशी - Paush Putrada Ekadashi

Ekadashi Date: Tuesday, 30 December 2025

हिंदू पंचांग के अंतर्गत प्रत्येक माह की 11वीं तीथि को एकादशी कहा जाता है। एकादशी को भगवान विष्णु को समर्पित तिथि माना जाता है। एक महीने में दो पक्ष होने के कारण दो एकादशी होती हैं, एक शुक्ल पक्ष मे तथा दूसरी कृष्ण पक्ष मे। इस प्रकार वर्ष मे कम से कम 24 एकादशी हो सकती हैं, परन्तु अधिक मास की स्थति मे यह संख्या 26 भी हो सकती है।

एकादशी के व्रत का सम्वन्ध तीन दिनों की दिनचर्या से है। भक्त उपवास के दिन, से एक दिन पहले दोपहर में भोजन लेने के उपरांत शाम का भोजन नहीं ग्रहण करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अगले दिन पेट में कोई अवशिष्ट भोजन न बचा रहे। भक्त एकादशी के दिन उपवास के नियमों का कड़ाई से पालन करते हैं। तथा अगले दिन सूर्योदय के बाद ही उपवास समापन करते हैं। एकादशी व्रत के दौरान सभी प्रकार के अनाज का सेवन वर्जित होता है।

जो लोग किसी कारण एकादशी व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें एकादशी के दिन भोजन में चावल का प्रयोग नहीं करना चाहिए तथा झूठ एवं परनिंदा से बचना चाहिए। जो व्यक्ति एकादशी के दिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ करता है, उस पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है।

जब एकादशी दो दिन की होती है तब दूजी एकादशी एवं वैष्णव एकादशी एक ही दिन अर्थात दूसरे दिन मनाई जाती है।

एकादशी व्रत की तिथियाँ वैष्णव सम्प्रदाय के अलग-अलग अनुयायियों के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती हैं। ISKCON एकादशी कैलेंडर 2025 की तिथियाँ जाने!

शुरुआत तिथिएकादशी
कारणभगवान विष्णु का पसंदीदा दिन।
उत्सव विधिव्रत, पूजा, एकादशी व्रत कथा, भजन-कीर्तन, सत्यनारायण कथा।
Read in English - Paush Putrada Ekadashi
As per the Hindu calendar, each month’s 11th tithi is called Ekadashi. Ekadashi is considered a day dedicated to Bhagwan Vishnu..

एकादशी कब है? - Ekadashi Kab Hai

पौष पुत्रदा एकादशी [स्थान - नई दिल्ली]

समर्थ / वैष्णव / इस्कॉन / गौड़ीय - मंगलवार, दिसम्बर 30, 2025
व्रत तोड़ने(पारण) का समय - 31 दिसम्बर, 1:26 PM से 3:31 PM

पौष पुत्रदा एकादशी का मुहूर्त
एकादशी तिथि - 30 दिसम्बर, 7:50 AM - 31 दिसम्बर 5 AM

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत कथा

सभी एकादशियों के नाम

किस महिने में कौनसी एकादशी है, आज कौन सी एकादशी है, अगली एकादशी कौनसी है के बारे में जानने के लिए यह फेस्टिवल पेज बिल्कुल उपयुक्त है।

अश्विन् मास - इंदिरा एकादशी, पापांकुशा एकादशी
अधिक मास: पद्मिनी / कमला / पुरुषोत्तमी एकादशी, परमा एकादशी
कार्तिक मास - रमा एकादशी, देवोत्थान / प्रबोधिनी एकादशी
मार्गशीर्ष मास - उत्पन्ना एकादशी, मोक्षदा एकादशी
पौष मास - सफला एकादशी, पौष पुत्रदा / पवित्रा / वैकुण्ठ एकादशी
माघ मास - षटतिला एकादशी, जया / भैमी एकादशी
फाल्गुन मास - विजया एकादशी, आमलकी / रंगभरनी / कुंज / खाटू एकादशी
चैत्र मास - पापमोचनी एकादशी, कामदा एकादशी
वैशाख मास - वरुथिनी एकादशी, मोहिनी एकादशी
ज्येष्ठ मास - अपरा / अचला एकादशी, पाण्डव निर्जला / रुक्मणी-हरण एकादशी
आषाढ मास - योगिनी एकादशी, देवशयनी एकादशी
श्रावण मास - कामिका एकादशी, पुत्रदा / पवित्रा एकादशी
भाद्रपद मास: अजा / अन्नदा एकादशी, परिवर्तनी / पार्श्व / पद्मा / जयंती / जल झुलनी / देवझूलनी / वामन एकादशी

त्रिस्पृशा एकादशी महायोग

जब एक ही दिन एकादशी, द्वादशी तथा रात्रि के अंतिम प्रहर में त्रयोदशी भी हो तो उसे त्रिस्पृशा कहलाती है।
यदि सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक थोड़ी सी एकादशी, द्वादशी, एवं अन्त में किंचित् मात्र भी त्रयोदशी हो, तो वह त्रिस्पृशा-एकादशी कहलाती है। त्रिस्पृशा एकादशी महायोग कथा

एकादशी के प्रकार

एकादशी दो प्रकार की होती है। 1 सम्पूर्णा 2. विद्धा
1) सम्पूर्णा - जिस तिथि में केवल एकादशी तिथि होती है अन्य किसी तिथि का उसमे मिश्रण नहीं होता उसे सम्पूर्णा एकादशी कहते है।

2) विद्धा एकादशी पुनः दो प्रकार की होती है
2. A) पूर्वविद्धा - दशमी मिश्रित एकादशी को पूर्वविद्धा एकादशी कहते हैं। यदि एकादशी के दिन अरुणोदय काल (सूरज निकलने से 1घंटा 36 मिनट का समय) में यदि दशमी का नाम मात्र अंश भी रह गया तो ऐसी एकादशी पूर्वविद्धा दोष से दोषयुक्त होने के कारण वर्जनीय है यह एकादशी दैत्यों का बल बढ़ाने वाली है। पुण्यों का नाश करने वाली है।

वासरं दशमीविधं दैत्यानां पुष्टिवर्धनम ।
मदीयं नास्ति सन्देह: सत्यं सत्यं पितामहः ॥ [पद्मपुराण]
दशमी मिश्रित एकादशी दैत्यों के बल बढ़ाने वाली है इसमें कोई भी संदेह नहीं है।

2. B) परविद्धा - द्वादशी मिश्रित एकादशी को परविद्धा एकादशी कहते हैं।
द्वादशी मिश्रिता ग्राह्य सर्वत्र एकादशी तिथि।
द्वादशी मिश्रित एकादशी सर्वदा ही ग्रहण करने योग्य है।

इसलिए भक्तों को परविद्धा एकादशी ही रखनी चाहिए। ऐसी एकादशी का पालन करने से भक्ति में वृद्धि होती है। दशमी मिश्रित एकादशी से तो पुण्य क्षीण होते हैं।

** एकादशी ये उपरोक्त मत वैष्णव, गौड़ीय वैष्णव एवं इस्कॉन संप्रदाय के मतानुसार है।

ISKCON एकादशी कैलेंडर 2025

पौष पुत्रदा एकादशी [स्थान - नई दिल्ली]

समर्थ / वैष्णव / इस्कॉन / गौड़ीय - मंगलवार, दिसम्बर 30, 2025
व्रत तोड़ने(पारण) का समय - 31 दिसम्बर, 1:26 PM से 3:31 PM

पौष पुत्रदा एकादशी का मुहूर्त
एकादशी तिथि - 30 दिसम्बर, 7:50 AM - 31 दिसम्बर 5 AM

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत कथा

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
आवृत्ति
अर्ध मासिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
एकादशी
समाप्ति तिथि
एकादशी
महीना
प्रत्येक महीने की एकादशी तिथि
मंत्र
ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः।, हरे राम महामंत्र
कारण
भगवान विष्णु का पसंदीदा दिन।
उत्सव विधि
व्रत, पूजा, एकादशी व्रत कथा, भजन-कीर्तन, सत्यनारायण कथा।
महत्वपूर्ण जगह
चारों धाम, श्री विष्णु मंदिर, श्री राम मंदिर, श्री कृष्ण मंदिर, इस्कॉन मंदिर, सभी वैष्णव घरों मे।
पिछले त्यौहार
सफला एकादशी : 15 December 2025, मोक्षदा एकादशी : 1 December 2025, देवउत्थान एकादशी : 2 November 2025, पांडव निर्जला एकादशी : 6 June 2025, वैष्णव पापमोचनी एकादशी : 26 March 2025, पौष पुत्रदा एकादशी : 10 January 2025, सफला एकादशी : 26 December 2024, पापांकुशा एकादशी (समर्त) : 13 October 2024

Updated: Dec 19, 2025 07:16 AM

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