छोटी सी कुटिया है मेरी,
बालाजी तुम आ जाना,
रुखा सूखा दिया है मुझको,
उसका भोग लगा जाना,
उसका भोग लगा जाना ॥
सौंप दिया है जीवन का अब,
भार तुम्हारे हाथों में,
जीत तुम्हारे हाथों में,
हार तुम्हारे हाथों में,
तुम हो स्वामी मैं हूँ सेवक,
रुखा सूखा दिया है मुझको,
उसका भोग लगा जाना,
उसका भोग लगा जाना ॥
निर्धन हूँ मैं निर्बल हूँ मैं,
कैसे तुम्हे मनाऊं मैं,
मन मंदिर में तुम्हे बिठाकर,
भाव के भोग लगाऊं मैं,
मेरी श्रद्धा को स्वीकारो,
रुखा सूखा दिया है मुझको,
उसका भोग लगा जाना,
उसका भोग लगा जाना ॥
तुमको अर्पण सारा जीवन,
तुमको ही बलिहार है,
तेरे सहारे तेरे भरोसे,
मेरा ये परिवार है,
हाथ जोड़कर कहता ‘बंसल’,
विनती को ना ठुकराना,
रुखा सूखा दिया है मुझको,
उसका भोग लगा जाना,
उसका भोग लगा जाना ॥
छोटी सी कुटिया है मेरी,
बालाजी तुम आ जाना,
रुखा सूखा दिया है मुझको,
उसका भोग लगा जाना,
उसका भोग लगा जाना ॥
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया
शेयर,
लाइक या
कॉमेंट जरूर करें!
भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें

* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।