नवरात्रि विशेष 2025 - Navratri Specials 2025

हारे के सहारे अब तो, आकर ले सम्भाल - भजन (Haare Ke Sahare Ab To Aakar Le Sambhal)


हारे के सहारे अब तो, आकर ले सम्भाल - भजन
हारे के सहारे अब तो,
आकर ले सम्भाल ॥
दोहा – सावन बीता कार्तिक बीता,
और बीता फागुन मास,
तरस तरस कर रह गया,
श्याम तेरा ये दास ॥

दुःख बहुत बड़े सरकार,
पड़े हम हाल से हुए बेहाल,
हारे के सहारे अब तो,
आकर ले सम्भाल ॥

लहरों का जोर भारी,
टूटी सी नाव है,
तू ही बता दे बाबा,
क्या ये इंसाफ़ है,
थाम लो अब पतवार श्याम,
तुम ले चल परली पार,
हारें के सहारे अब तो,
आकर ले सम्भाल ॥

सारी दुनिया में मेरा,
कोई ना आसरा,
मेरा तो जो कुछ है वो,
तू ही है साँवरा,
देर करो ना और सहा ना,
जाए अब ये काल,
हारें के सहारे अब तो,
आकर ले सम्भाल ॥

पहले क्या गम कम था,
इस जीवन में श्याम है,
दूजा जो गम तू देता,
ना सुनकर श्याम है,
अब तो बाबा मोरछड़ी ले,
लीले पर तू चाल,
हारें के सहारे अब तो,
आकर ले सम्भाल ॥

तेरा हर फैसला,
सिर माथे सरकार ये,
आए जो ना फिर समझूँ,
कमी थी पुकार में,
‘कमल’ भरोसा प्रीत ना होगी,
तुम संग लगी बेकार,
हारें के सहारे अब तो,
आकर ले सम्भाल ॥

दुःख बहुत बड़े सरकार,
पड़े हम हाल से हुए बेहाल,
हारे के सहारें अब तो,
आकर ले सम्भाल ॥

Haare Ke Sahare Ab To Aakar Le Sambhal in English

Hare Ke Sahare Ab to, Aakar Le Sambhal ॥
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