मैं तो आई वृन्दावन धाम,
किशोरी तेरे चरनन में ।
किशोरी तेरे चरनन में,
श्री राधे तेरे चरनन में ॥
ब्रिज वृन्दावन की महारानी,
मुक्ति भी यहाँ भरती पानी ।
तेरे चन पड़े चारो धाम,
किशोरी तेरे चरनन में ॥
मैं तो आई वृन्दावन धाम,
किशोरी तेरे चरनन में ।
किशोरी तेरे चरनन में,
श्री राधे तेरे चरनन में ॥
करो कृपा की कोर श्री राधे,
दीन जजन की ओर श्री राधे ।
मेरी विनती है आठो याम,
किशोरी तेरे चरनन में ॥
मैं तो आई वृन्दावन धाम,
किशोरी तेरे चरनन में ।
किशोरी तेरे चरनन में,
श्री राधे तेरे चरनन में ॥
बांके ठाकुर की ठकुरानी,
वृन्दावन जिन की रजधानी ।
तेरे चरण दबवात श्याम,
किशोरी तेरे चरनन में ॥
मैं तो आई वृन्दावन धाम,
किशोरी तेरे चरनन में ।
किशोरी तेरे चरनन में,
श्री राधे तेरे चरनन में ॥
मुझे बनो लो अपनी दासी,
चाहत नित ही महल खवासी ।
मुझे और ना जग से काम,
किशोरी तेरे चरण में ॥
मैं तो आई वृन्दावन धाम,
किशोरी तेरे चरनन में ।
किशोरी तेरे चरनन में,
श्री राधे तेरे चरनन में ॥
श्री राधे श्री राधे,
राधे राधे श्री राधे ।
श्री राधे श्री राधे,
राधे राधे श्री राधे ।
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