आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू..
बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी भिखरिया, अहाँ के दुअरिया ना, बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी..
अलख जगा के जोगी, आया तेरे द्वार, आया तेरे द्वार मैया, आया तेरे द्वार, कन्हैंया का दीदार, करने आया तेरे द्वार ॥
कोई देवता नही है, भोले नाथ की तरह, लूटाते है खजाना बरसात की तरह, लूटाते है खजाना बरसात की तरह ॥
तू महलों में रहने वाली, मैं जोगी जट्टा धारी हूँ, तेरा मेरा मेल मिले ना, रहता अटल अटारी हूँ..
तुम्हे दिल में बसाया, तुम्हे अपना बनाया, तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी, तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥
भोला शंकर बने मदारी, डमरू दशरथ द्वार बजायो, एक हाथ त्रिशूल और डमरू, एक हाथ बजरंगी लीन्हे, आप ही नाचे आप नचावे,
नाच नाच कर ये ही गावे, जय जय अवध बिहारी, भोला शंकर बनें मदारी, डमरू दशरथ द्वार बजायो ॥