है नया ओज है नया तेज,
आरंभ हुआ नव चिंतन
विराट भारत विशाल भारत,
कर रहा नवयुग का अभिनंदन
हर-हर में घर-घर में स्वर्ण स्वर भारत
हर-हर में घर-घर में स्वर्ण स्वर भारत
सतयुग त्रेता द्वापर के बाद,
प्रारंभ हुआ परिवर्तन
सतयुग त्रेता द्वापर के बाद,
प्रारंभ हुआ परिवर्तन
दिव्य अलौकिक अखंड भारत,
कर रहा नवयुग का अभिनंदन
दिव्य अलौकिक अखंड भारत,
कर रहा नवयुग का अभिनंदन
कण-कण में मन-मन में स्वर्ण स्वर भारत
कण-कण में मन-मन में स्वर्ण स्वर भारत
अंतरनाद बजा
जल थल नभ गूंज उठा
देवलोक में उत्सव से
ब्रम्हांड झूम उठा
कोश-कोश तृण-तृण हर जीवन
हो रहा नादब्रह्म से पावन
कोश-कोश तृण-तृण हर जीवन
हो रहा नादब्रह्म से पावन
दिव्य अलौकिक अखंड भारत,
कर रहा नवयुग का अभिनंदन
BhaktiBharat Lyrics
हृदय-हृदय उदय-उदय स्वर्ण स्वर भारत
हृदय-हृदय उदय-उदय स्वर्ण स्वर भारत
हृदय-हृदय उदय-उदय स्वर्ण स्वर भारत
हृदय-हृदय उदय-उदय स्वर्ण स्वर भारत
चिंतन में मंथन में स्वर्ण स्वर भारत
चिंतन में मंथन में स्वर्ण स्वर भारत
चिंतन में मंथन में स्वर्ण स्वर भारत
चिंतन में मंथन में स्वर्ण स्वर भारत
हरयुग में नवयुग में स्वर्ण स्वर भारत
हरयुग में नवयुग में स्वर्ण स्वर भारत
हरयुग में नवयुग में स्वर्ण स्वर भारत
हरयुग में नवयुग में स्वर्ण स्वर भारत
Bhajan Arya Samaj BhajanInspirational BhajanPatriotism BhajanDeshbhakti BhajanSchool BhajanCollage BhajanIndependence Day BhajanRepublic Day BhajanAWGP BhajanGayatri Pariwar BhajanKailash Kher Bhajan
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।