Shri Krishna Bhajan

वाक् देवी हे कलामयी हे सुबुद्धि सुकामिनी - भजन (Vak Devi He Kalamayee He Buddhi Sukamini)


वाक् देवी हे कलामयी हे सुबुद्धि सुकामिनी - भजन
वाक् देवी हे कलामयी
हे सुबुद्धि सुकामिनी
ज्ञान रूपे सुधि अनूपे
हे सरस्वती नामिनी !
वाक् देवी हे कलामयी
हे सुबुद्धि सुकामिनी
बसू अधर'मे भाव'घर'मे शुद्ध ह्रदय सँवारि दे
ज्ञान गंगा भरि दिय'
माँ विद्या भरि भरि शारदे
करू इजोरे सभ डगरि मे
घेरि रहलै जामिनी !

वाक् देवी हे कलामयी
हे सुबुद्धि सुकामिनी

पाणि वीणा पाणि पुस्तक
हंस वाहिनी वागीशे
राग लय सुर निर्झरी बहबू
हे माँ हमरो दिशे
माय देखियौ द्वंद्व एहिमन
करू शमन हरि-वामिनी !

वाक् देवी हे कलामयी
हे सुबुद्धि सुकामिनी

छल प्रपञ्चसँ दूर रहि रहि
किछु करी जगले सदा
जे देलौं माँ ज्ञान सुधि बुधि
बाँटि दी ओ सर्वदा
फूटय नै शिव के अधर सँ
दोख कुबुद्धि के दामिनी !

वाक् देवी हे कलामयी
हे सुबुद्धि सुकामिनी
Singer: Madhvi Madhukar Jha
Lyrics : Shiv Kumar Jha'Tillu'

Vak Devi He Kalamayee He Buddhi Sukamini in English

Vaak Devi Hey Kalamayi Hey Subuddhi Sukaamini Gyaan Rupe Sudhi Anupe Hey Saraswati Naamini !
यह भी जानें

Bhajan Maa Saraswati BhajanSchool BhajanCollege BhajanSaraswati Shishu Mandir BhajanVasant Panchami BhajanBasant Panchami BhajanSaraswati Puja BhajanSaraswati Jayanti BhajanMadhvi Madhukar Bhajan

अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

सुनने के पुकार माँ दौड़ चली तू आई रण मे काली - भजन

सुनने के पुकार माँ दौड़ चली तू, आई रण मे काली - माँ काली

हे गणनायक जय सुखदायक - भजन

हे गणनायक जय सुखदायक, जय गणपति गणराज रे, गणपति नमः गणपति नमः, गणपति नमः गणपति नमः ॥

देखो आ गए है घर घर में, पार्वती के लल्ला - भजन

गणपति आज पधारे घर में, मच गओ है ये हल्ला, देखो आ गए है घर घर में, पार्वती के लल्ला, शिव गौरा की आंख के तारे, दिखे हैं बड़े मुटल्ला, देखो आ गए हैं घर घर में, पार्वती के लल्ला ॥

गजमुखं द्विभुजं देवा लम्बोदरं - भजन

गजमुखं द्विभुजं देवा लम्बोदरं, भालचंद्रं देवा देव गौरीशुतं ॥

तुम जो कृपा करो तो, मिट जाये विपदा सारी: भजन

तुम जो कृपा करो तो, मिट जाये विपदा सारी, ओ गौरी सूत गणराजा, गणनायक गजमुख धारी, तुम हो दया के सागर, क्या बात है तुम्हारी, ओ गौरी सूत गणराजा, गणनायक गजमुख धारी ॥

जय जय देवा जय गणपति देवा: भजन

जय जय देवा जय गणपति देवा, माता है गौरी पिता महादेवा, मूषक आपकी सवारी है देवा, माता है गौरी, पिता महादेवा,
जय जय देवा ॥

करुणामई किशोरी - भजन

राधे राधे, करुणामई किशोरी तुम तो बड़ी हो भोरी, बिन पाप पुण्य देखे आती हो दौड़ी दौड़ी

Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP